पिछले 15 दिनों से जारी कड़ाके की ठंड का सबसे अधिक असर न’वजातों पर पड़ा है।

ठंड की चपेट में एसकेएमसीएच, केजरीवाल अस्पताल मिलाकर 45 से अधिक नवजातों की मौत हो गई है। इसमें अकेले एसकेएमसीएच में 25 व केजरीवाल में 20 से अधिक नवजातों की मौत हो गई है। इसमें ज्यादातर एक से दो दिन पहले जन्म लेने वाले बच्चे शामिल हैं। दोनों अस्पतालों के एनआइसीयू (नियानेटल  इंसेटिव केयर यूनिट) के रिकॉर्ड के अनुसार दिसम्बर के दूसरे सप्ताह से कड़ाके की ठंड से कुल 280 नवजातों का इलाज किया गया। इसमें 60 फीसदी नवजात ग्रामीण क्षेत्रों से काफी सीरियस हालत में आए। सभी को हाइपोथर्मिया से इन्फेक्शन हुआ। मुजफ्फरपुर के साथ सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, शिवहर के नवजातों का इलाज किया गया। डॉक्टरों के अनुसार ठंड की चपेट में आने से हाइपोथर्मियों होने से बच्चे काफी सीरियस हो जा रहे हैं। जिन नवजातों की मौत हुई उनमें ज्यादातर गांवों व अर्द्धशहरी क्षेत्रों के कथित डॉक्टरों व निजी अस्पतालों में जन्म हुआ है।

इस बारे में एसकेएमसीएच के एनआईसीयू के प्रभारी मेडिकल अधिकारी डॉ. जेपी मंडल ने बताया कि इस बार ठंड में नवजातों की मौत हुई है। ज्यादातर नवजात ग्रामीण क्षेत्रों से गलत इलाज कर पहुंच रहे हैं। ठंड में कई ऐसे नवजात आए जिसका शरीर काफी ठंडा हो गया था। एनआईसीयू के वार्मर व गर्म उपकरण में रखने पर नॉर्मल नहीं हो सके। केजरीवाल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि दो दिन पहले तक नवजात वार्ड व एनआईसीयू पूरी तरह से फुल था। अब कुछ संख्या कम हुई है। लेकिन ठंड की चपेट में आने से नवजातों की सेहत खराब हो जा रही है।

Input : Hindustan

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