मुजफ्फरपुर : नवरुणा मामले में सीबीआइ जांच पूरी करने के संबंध में दाखिल याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने बंद कर दी है। सीबीआइ ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में विविध वाद दायर किया था। इसकी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एएन खानविलकर, न्यायमूर्ति बीआर गवई व न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि इस मामले में जांच एजेंसी ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अंतिम प्रपत्र दाखिल कर दिया है। इससे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई पूरी हो गई है।
वर्ष 2016 में दाखिल की गई थी याचिका : वर्ष 2013 में नवरुणा मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने जल्द से जल्द जांच पूरी करने का आदेश सीबीआइ को दिया था। फरवरी 2014 से सीबीआइ ने इस मामले की जांच शुरू की। लगभग ढाई साल के बाद तक कोई नतीजा नहीं निकला। तब सुप्रीम कोर्ट में नवरुणा मामले की कानूनी लड़ाई लड़ रहे दिल्ली विवि में कानून के छात्र अभिषेक रंजन ने सीबीआइ के खिलाफ अवमाननावाद याचिका दायर की। इस याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने को सीबीआइ के लिए डेडलाइन तय कर दी। समय-समय पर सीबीआइ की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट इस डेडलाइन को बढ़ाती रही।
यह है मामला : 18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना क्षेत्र के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से सोई अवस्था में नवरुणा को अगवा कर लिया गया। लगभग ढाई माह बाद उसके घर के निकट नाले से मानव कंकाल बरामद हुआ। डीएनए टेस्ट में वह कंकाल नवरुणा का साबित हुआ। इस मामले की शुरू में पुलिस, उसके बाद सीआइडी और बाद में सीबीआइ ने जांच की, किंतु नतीजा सिफर रहा।
- सीबीआइ ने पहले ही खड़े कर दिए थे हाथ, दाखिल की थी अंतिम रिपोर्ट
- मुजफ्फरपुर के विशेष कोर्ट में चल रही फाइनल रिपोर्ट पर सुनवाई
नवंबर में सीबीआइ ने दाखिल किया था अंतिम प्रपत्र
छह साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद सीबीआइ ने पिछले साल इस अपहरण व हत्याकांड को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए। उसने पिछले साल नवंबर में मुजफ्फरपुर के विशेष सीबीआइ कोर्ट में अंतिम प्रपत्र दाखिल किया तथा इस घटना के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिलने की बात बताई। उसने विशेष कोर्ट से इस मामले की जांच बंद करने की प्रार्थना की। फिलहाल सीबीआइ के अंतिम प्रपत्र पर विशेष कोर्ट में सुनवाई चल रही है। नवरुणा के पिता को पक्ष रखने के लिए कहा गया है।
Source : Dainik Jagran