नवरुणा हत्या’कांड की जांच पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मई में सीबीआइ को सातवीं बार डेडलाइन तय की थी। अगले माह यह डेडलाइन समाप्त हो रही है। 21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनेवाली है, लेकिन इस डेडलाइन में भी सीबीआइ ने चुप्पी ही साध रखी है।

नवरुणा को छुपाने व अपराधियों को संरक्षण देने की जांच का किया गया था दावा

जांच अवधि बढ़ाने को लेकर सीबीआइ की ओर से अर्जी में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अपहरण के 50 दिनों तक नवरुणा जीवित थी। इसके ठोस वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं। इस दौरान उसे छुपाने व अपराधियों को संरक्षण देनेवालों की जांच की जा रही। ऐसे लोगों की पहचान के लिए सीबीआइ कई कदम उठाने जा रही। इसके तहत कई बड़ी हस्तियों का नार्को टेस्ट कराएगी।

भू-माफिया व पुलिस गठजोड़ का किया जाना था पर्दाफाश

सीबीआइ पूरे घटना के पीछे भूमि माफिया व पुलिस के गठजोड़ को मान रही। इसका पर्दाफाश करने के लिए सीबीआइ ने और समय देने की प्रार्थना सुप्रीम कोर्ट से की थी। तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष व अनुसंधानकर्ता जितेंद्र प्रसाद का पॉलीग्राफी टेस्ट भी कराया गया, लेकिन उन्होंने कई सवालों का भ्रामक जवाब दिया। एजेंसी उसका वैज्ञानिक जांच कराना चाह रही। इससे बचने के लिए वे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे रहे। डेडलाइन की अवधि में उसकी वैज्ञानिक जांच कराई गई कि नहीं यह पता नहीं चला है।

सात किए गए गिरफ्तार, आरोप पत्र में सभी को जमानत

सीबीआइ ने इस मामले में दो बार में सात संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपितों के विरुद्ध वह निर्धारित 90 दिनों के अंदर विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी। इससे सभी को जमानत मिल गई।

विशेष सीबीआइ कोर्ट में आज होगी सुनवाई

नवरुणा मामले को लेकर मुजफ्फरपुर स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट में आज सुनवाई होगी। लंबे समय से सीबीआइ अधिकारी व अन्य इस कोर्ट में नहीं आ रहे। उनकी ओर से कोई अर्जी भी दाखिल नहीं की जा रही। इससे सुनवाई टल रही है। इस बीच नवरुणा की मां की ओर से विशेष कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जांच की प्रगति प्रतिवेदन देने को लेकर सीबीआइ को आदेशित करने की प्रार्थना की गई। विशेष कोर्ट ने सीबीआइ को प्रगति प्रतिवेदन सौंपने का आदेश दिया था, लेकिन यह प्रतिवेदन भी नहीं सौंपा गया है।

Input : Dainik Jagran

 

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