जिले में शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व चैती छठ का आरंभ हो गया। व्रतियों ने सुबह में ही स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया और इसके बाद चावल-दाल व कद्दू की सब्जी ग्रहण कर इस महापर्व की शुरूआत की। शनिवार यानि 17 अप्रैल को खरना होगा। इस दिन व्रती सुबह से शाम तक निर्जला उपवास रखेंगी। जबकि, संध्या में मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ से बनी खीर तैयार कर भगवान को भोग लगाया जाएगा।

चांद का दर्शन कर व्रती पानी ग्रहण कर फिर से निर्जला व्रत शुरू कर देतीं हैं जो चौथे दिन उगते सूर्यदेव के दर्शन को अ‌र्घ्य अर्पित करने के बाद समाप्त होता है। बता दें कि इसबार कोरोना के कारण व्रतियों को सार्वजनिक स्थलों पर चैत्र छठ नहीं करने को कहा गया है। इस कारण व्रतियां अपने घरों में और छत पर इस पर्व को करेंगी।

छठ को लेकर बाजार में चढ़े फल सब्जियों के भाव :

चैती छठ के पहले दिन नहाय खाय में कद्दू की सब्जी का विशेष महत्व है। शुक्रवार की सुबह में बाजार में लोगों ने कद्दू की खरीदारी की। सामान्य दिनों में 20 से 30 रुपये में मिलने वाला कद्दू 50 से 70 रुपये तक बिका। कटही पुल सब्जी मंडी, घिरनी पोखर समेत अन्य बड़े आढ़त में भी इसकी कीमत में उछाल देखा गया। वहीं फलों की कीमत में भी 10 से 30 रुपये तक का इजाफा दर्ज किया गया है। बाजार में 120 से 250 रुपये प्रतिकिलो तक सेब की बिक्री हुई। केला 40 से 60 रुपये प्रति दर्जन और अन्य फलों की कीमत भी बढ़ी है।

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