मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों को दो टूक कहा कि किसी भी सूरत में अ’पराध पर नियंत्रण होना चाहिए। जिस रीजन में अधिक अ’पराध हो रहे हैं, वहां के पदाधिकारियों पर स’ख्त कार्र’वाई जरूरी है। ऐसे पदाधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री बुधवार को एक अणे मार्ग में का’नून-व्य’वस्था की समीक्षा की और कई निर्देश पुलिस मुख्यालय को दिए।

उन्होंने यह भी कहा कि जिस थाना क्षेत्र में लगातार अपराध चिह्नित हुए हैं, वहां विशेष सतर्कता बरतें और पुलिस मुख्यालय से इसकी नियमित मॉनिटरिंग हो। उन्होंने निर्देश दिया कि समय पर अनुसंधान और ट्रायल हो। शीघ्र दोषी को सजा होने से अपराध करने वालों के मन में भय पैदा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध को बढ़ावा देने वाला कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि देश स्तर पर बिहार की पुलिस को तटस्थ रहकर अपनी जिम्मेदीरा निभाने वाला माना जाता है। कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाये रखने के लिए पुलिस को लगातार सतर्क रहना होगा। राज्य में अपराध के ज्यादातर मामले भूमि और संपत्ति विवाद को लेकर आते हैं। भूमि विवाद के समाधान को प्राथमिकता देते हुए थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी के स्तर से लेकर डीएम-एसपी तक की बैठक हर सप्ताह होनी चाहिए।

 

सीएम आवास स्थित संकल्प में दो घंटे से ज्यादा देर तक चली समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अपराध नहीं रोकनेवाले और शराबबंदी में दिलचस्पी नहीं लेने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कई अन्य बिंदुओं पर भी अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। कहा कि कोताही बरतने वाला चाहे किसी भी रैंक का अफसर क्यों न हो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लें। माना जा रहा है कि इस जद में थानेदार और उससे नीचे के पुलिस अफसरों के साथ फील्ड के डीएसपी और जिलों के एसपी भी आएंगे।

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