बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में विलंब सत्र को ट्रैक पर लाने का प्रयास कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। इसका उदाहरण है कि जिन छात्रों का नामांकन सत्र 2019-22 में लिया गया था। नियमत: अबतक उनकी दो वर्षों की परीक्षा हो जानी चाहिए थी। हालत यह है कि अबतक वे प्रथम वर्ष की परीक्षा के लिए ही बाट जोह रहे हैं। डेढ़ दर्जन कॉलेज संचालकों की ओर से की गई गड़बड़ी और लापरवाही का खामियाजा एक लाख छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
छात्रों ने कहा कि यदि इसी प्रकार विलंब हुआ तो तीन वर्षों का कोर्स पंचवर्षीय योजना बन जाएगा। इस सत्र में एक लाख छात्रों ने विभिन्न अंगीभूत और डिग्री कॉलेजों में स्नातक में दाखिला लिया था। इनका रजिस्ट्रेशन भी हो गया। परीक्षा फॉर्म भरने के समय जानकारी मिली कि कई कॉलेजों ने बिना मान्यता लिए ही नामांकन लिया है। इसके बाद विवि की ओर से उन सभी 18 कॉलेजों को वेबसाइट से हटा दिया गया। इस चक्कर में अन्य कॉलेज के छात्र भी परीक्षा की प्रतीक्षा में हैं।
परीक्षा नियंत्रक बोले- अप्रैल में होगी परीक्षा
परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि इस सत्र के छात्रों की परीक्षा अप्रैल में होगी। कहा कि छात्र अध्ययन करते रहें। इस परीक्षा के बाद शीघ्र ही दूसरे वर्ष की परीक्षा पर विचार किया जाएगा। पिछले वर्ष ही इस परीक्षा का आयोजन कर दिया जाता, लेकिन कोरोना संक्रमण से विवि व कॉलेज बंद हो गए। इससे विवि की परीक्षाएं लंबित हो गईं। कहा कि परीक्षा का फॉर्म भरा जा चुका है। कुछ कॉलेजों ने बिना मान्यता के छात्रों का नामांकन ले लिया था। उसकी कमेटी जांच कर रही है। कमेटी की ओर से निर्णय होते ही परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा। वर्तमान में सत्र को नियमित करना ही विवि की प्राथमिकता है।
नामांकन के छह महीने बीते, रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया नहीं हुई पूरी
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से सत्र 2020-23 में नामांकन के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था की गई। विवि की वेबसाइट पर ही आवेदन की प्रक्रिया हुई और यहीं से छात्रों को कॉलेज भी आवंटित किया गया। नामांकन के करीब छह महीने पूरे होने वाले हैं, लेकिन अबतक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। कॉलेज प्रबंधन की ओर से इसके प्रति दिलचस्पी नहीं लिए जाने से भी मामला फंस रहा है। विवि की ओर से कई बार रिमाइंडर देने के बाद भी कॉलेजों की ओर से रजिस्ट्रेशन के लिए हार्ड कॉपी विवि को नहीं भेजी जा रही है। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि कॉलेजों की ओर से सहयोग नहीं मिलने से इसमें विलंब हो रहा है।
Input: Dainik Jagran