शहर के करीब 20 हजार आवास मालिक अब कॉमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। अबतक ये आवासों के कॉमर्शियल उपयोग के बावजूद आवासीय प्रॉपर्टी टैक्स जमा करते रहे हैं। इन आवास मालिकों को वर्तमान टैक्स से डेढ़गुना टैक्स जमा करना होगा।
नगर निगम ने आवासीय परिसर का कॉमर्शियल उपयोग करने वालों पर सख्ती बढ़ाने का निर्णय लिया है। शहर में कॉमर्शियल प्रॉपर्टी का टैक्स आवासीय प्रॉपर्टी के टैक्स से डेढ़गुना ज्यादा है। इसलिए लोग आवासीय प्रॉपर्टी के कॉमर्शियल उपयोग की जानकारी ही नगर निगम से छिपा लेते हैं। इस स्थिति में टैक्स चोरी करने वालों पर निगम प्रशासन शिकंजा कसेगा। टैक्स न देने वाले ऐसे भवन मालिकों पर अब कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
नगर निगम ने इसके लिए सबसे पहले कॉमर्शियल बिजली कनेक्शन रखने वाले भवनों की सूची बनायी है। उसके बाद किराये पर घर देने वालों की सूची बनायी जाएगी। यह दोनों श्रेणी के आवास नगर विकास विभाग की प्रावधान के मुताबिक कॉमर्शियल श्रेणी में आते हैं। लेकिन भवन मालिक सच्चाई छुपाकर टैक्स देने से बच जाते हैं। इनकी पहचान के लिए डेढ़ माह अभियान चलेगा और एक-एक की सूची बनेगी।
प्रोफेशनल टैक्स के लिए सात हजार को नोटिस
नगर निगम ने करीब सात हजार नोटिस जारी की है। यह नोटिस प्रोफेशनल टैक्स को लेकर है। इसमें कॉमर्शियल टैक्स जमा किये बिना भवन का कॉमर्शियल उपयोग होता पाया गया है। ये सभी रोजगार तो कर रहे हैं, लेकिन निगम को प्रोफेशनल टैक्स देने से बच रहे थे। ऐसे सात हजार लोगों को चिन्हित कर नोटिस जारी किया जा चुका है व टैक्स चुकाने के लिए उन्हें समय भी दिया गया है। निर्धारित समय पर यदि वे खुद टैक्स नहीं भरते हैं तो निगम जुर्माने के साथ प्रोफेशनल टैक्स की वसूली करेगा।
● कॉमर्शियल बिजली कनेक्शन वाले सभी आवास दायरे में
● लोग प्रॉपर्टी के कॉमर्शियल यूज की नहीं दे रहे थे जानकारी
कॉमर्शियल टैक्स के दायरे में लाया जाएगा
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने बताया कि शहरी क्षेत्र में करीब 55 हजार होल्डिंग हैं। इनमें से 20 हजार होल्डिंग का कॉमर्शियल उपयोग हो रहा है। इन सभी होल्डिंग को अब कॉमर्शियल टैक्स के दायरे में लाया जाएगा। अब तक जो ये आवासीय प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर रहे थे, वह वास्तविक टैक्स से डेढ़ गुना कम था। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई से जहां निगम में वास्तविक टैक्स की वसूली होगी, वहीं होल्डिंग मालिक किसी कानूनी पचड़े में पड़ने से बचे रहेंगे।
Source : Hindustan
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