निजी बसाें में मनमाना किराया वसूला जा रहा है। 110 किमी की दूरी के लिए 500 रुपए वसूले जा रहे। आरटीओ द्वारा निर्धारित किराए काे ताक पर रख कर यात्रियाें का शाेषण किया जा रहा है। इस वर्ष लॉकडाउन में सरकार ने 50 प्रतिशत यात्री बैठाने का निर्देश देकर बसों का परिचालन जारी रखा, लेकिन वर्तमान समय अनलॉक में भी निजी बस संचालक एक तो सीट से ज्यादा यात्री ले जा रहे और मनमाना किराया भी वसूल रहे।
विराेध करने पर यात्रियाें से दुर्व्यवहार भी करते हैं। लॉकडाउन 2020 के पहले साहेबगंज-पटना के बीच निजी बस का किराया 90-100 रुपए के बीच था। वर्ष 2020 में लॉकडाउन के बाद बसों का परिचालन शुरू हुआ, तो बस कंडक्टरों ने 120-160 रुपए तक वसूल किया। फिर सरकार द्वारा किराया 2021 में बढ़ाने पर बस का किराया 130-180 रुपए तक लिए। वर्तमान समय में स्थिति यह है कि साहेबगंज से पटना के बीच 110 किलोमीटर दूरी का किराया 500 रुपए प्रति यात्री वसूले जा रहे।
विराेध करने पर यात्रियाें से होता है दुर्व्यवहार, मारपीट की भी आती है नौबत
दबंगों को संवाहक बना कर वसूला जा रहा है किराया
परिवहन विभाग के प्रावधान के अनुसार लाइसेंस प्राप्त संवाहक (कंडक्टर) द्वारा ही यात्रियों से सरकार द्वारा तय किराया लेता है, जिसके एवज में यात्रियों को टिकट देना है। इसके बदले बस ऑपरेटर द्वारा दबंग किस्म के लोगों को संवाहक बना कर जबरन किराया वसूला जा रहा है। टिकट मांगने पर अभद्र व्यवहार किया जाता है।
इन बसों में कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं
यहां तक कि बसों में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं होता। न तो सभी यात्री मास्क पहने होते हैं और न ही बस स्टाफ बस में सैनिटाइजर की व्यवस्था रखते हैं। मानिकपुर-सरैया से लेकर पारू, देवरिया, साहेबगंज तक कहीं भी उतरिए, यात्री से जबरन पटना में ही 500 रुपए वसूल लिया जाता है। साहेबगंज के वाम नेताओं ने आयुक्त एवं डीएम को पत्र देकर वसूली पर रोक लगाने की मांग की है।
बाेलेरो रिजर्व कर आना मुनासिब समझा
बखड़ा (सरैया) मनिकपुर से पटना (लगभग 55 किमी) तक का किराया 60 से 75 रुपए है। वर्तमान में 500 रुपए लिया जा रहे हैं। रविवार को गुवाहाटी से बखड़ा निवासी मनीष कुमार समेत 6 लाेग पटना जंक्शन पहुंचे। बखड़ा आने के लिए बस में चढ़ने से पहले प्रति सवारी 500 रुपए डिमांड किया गया। थक हार वे सभी 2200 में बाेलेरो रिजर्व कर घर पहुंचे।
पेट्राेल-डीजल के दाम में वृद्धि का देते हैं हवाला
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भीड़ होने के कारण बस संचालकों की मनमानी बढ़ गई है। स्थानीय स्तर पर पेट्राेल-डीजल के दाम में वृद्धि का हवाला देकर मनमाना किराया वसूला जा रहा है। श्रमिकों से अनाधिकृत रूप से चलने वाली टूरिस्ट बसाें में प्रत्येक चौक-चौराहों पर एजेंटों के माध्यम से दाेगुना से भी ज्यादा किराया वसूला जा रहा है।
बराबर की जाती है चेकिंग
बराबर बसाें में चेकिंग अभियान चलाया जाता है ताकि यात्रियाें से निर्धारित किराए से ज्यादा की वसूली नहीं हाे। इधर, कोरोना के नाम पर किराए में मनमानी करने की शिकायत मिली है। इसकी जांच की जाएगी।
-रजनीश लाल, डीटीओ
Input: dainik bhaskar