बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए खजाना खोल दिया है. नीतीश सरकार ने कोरोना से महामारी और संकट का सामना करने के बावजूद नियोजित शिक्षकों के वेतन में 22 फीसद का इजाफा किया है. नीतीश कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई है.

नीतीश कैबिनेट की बैठक में आज नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली पर मुहर लगाई गई. इस नियमावली पर मुहर लगाने के साथ सातवें वेतन वृद्धि का भी फैसला किया गया है. नियोजित शिक्षक लंबे वक्त से सेवा शर्त और वेतनमान की मांग करते रहे हैं हालांकि नीतीश सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह किसी भी कीमत पर नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ नहीं देगी लेकिन नियोजित शिक्षकों को वेतन वृद्धि कल आप देने का फैसला किया है.

हालांकि शिक्षकों को फिलहाल बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिलेगा. सरकार कोरोना काल के बाद इसका लाभ नियोजित शिक्षकों को देगी. एक अप्रैल 2021 से नियोजित शिक्षकों को बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा. इस फैसले के बाद सरकार के खजाने पर 2765 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. फिलहाल 820 करोड़ रुपये हो खर्च हो रहे हैं.

कोरोना काल में नीतीश सरकार ने कैबिनेट की इस अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए हैं. बिहार मंत्रिमंडल की इस बैठक में कुल 28 एजेंडों पर मुहर लगी है. नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली का इंतजार लंबे वक्त से हो रहा था. यह बात पहले से तय मानी जा रही थी कि कैबिनेट की बैठक में आज इस एजेंडे पर मुहर लग जाएगी. इस सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद अब नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन और स्थानांतरण जैसी सुविधाओं का लाभ मिल पायेगा. बिहार में साढे तीन लाख नियोजित शिक्षक लंबे समय से सेवा शर्त लागू किए जाने की मांग करते रहे हैं. नियोजित शिक्षकों के लिए लागू सेवा शर्त नियमावली में अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिए जाने साथ ही साथ प्रमोशन के लिए परीक्षा के आयोजन सहित अन्य बिंदुओं की चर्चा की गई है.

Input : First Bihar

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