देश इंसाफ की घड़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। आखिरकार निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया गया। आखिरी कोशिश के तौर पर दुष्कर्मी सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन वहां भी दलीलें खारिज हो गईं। सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका खारिज करने को चुनौती देने वाली दोषी पवन की दया याचिका खारिज कर दी। इसके तुरंत बाद निर्भया की मां ने कहा कि आज का सूरज, आज का दिन निर्भया के नाम है। उन्होंने कहा- आखिरकार उन्हें फांसी पर लटकाया गया। आज हमें न्याय मिला। आज का दिन देश की बेटियों के नाम है। मैं सरकार और न्यायपालिका का शुक्रिया अदा करती हूं। मैंने बेटी की तस्वीर को गले से लगाकर कहा कि आज तुम्हें इंसाफ मिल गया। बेटी जिंदा रहती तो डॉक्टर की मां कहलाती। आज निर्भया की मां के नाम से जानी जा रही हूं।
आज का दिन निर्भया दिवस के तौर पर मनाया जाए- आशा देवी
आशा देवी ने कहा, “7 साल की लंबी लड़ाई के बाद अब बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। भरोसा है कि दोषियों को फांसी होगी। देश की बच्चियों, पूरे देश को इंसाफ मिला। आज का दिन देश की बच्चियों के नाम, निर्भया के नाम। आज का दिन निर्भया दिवस के तौर पर याद किया जाए।” इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने फांसी पर रोक की याचिका खारिज की तो दोषियों के वकील एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट गए। उस वक्त भी आशादेवी ने पूरे भरोसे के साथ कहा था- दोषियों को बहुत वक्त दिया गया। फांसी टालने के लिए कई याचिकाएं दाखिल की गईं। आज उनकी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज कर दी गई। हम अब सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। वहां भी दोषियों की याचिका खारिज हो जाएगी। आज सुबह दोषियों को फांसी होगी।
एपी सिंह का आपत्तिजनक बयान
सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने पर एपी सिंह ने मीडिया वालों को फटकार लगाई। उन्होंने रिपोर्टिंग पर सवाल उठाते हुए कहा- एक मां के लिए आप सात साल से नाचते घूम रहे हो। यह मां नहीं है क्या। क्या आठ साल से कम उम्र का कोई विक्टिम है। चोर की मां की बात है तो फिर उस कारण पर जाओ कि रात 12.30 बजे तक क्यों नहीं पता था कि बेटी कहां है। यह बात छोड़ दीजिए। फिर बातें बढ़ेंगी। इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट में मौजूद एक महिला एक्टिविस्ट ने आपत्ति जाहिर की और वकील एपी सिंह से बयान पर माफी मांगने को कहा।