पटना. बिहार के सियासत में बहुत जल्द लव कुश समीकरण की बड़ी तस्वीर देखने को मिलेगी, जब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) एक साथ एक पार्टी के रूप में सामने दिखेंगे. पिछले कुछ महीने से उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर JDU लगातार प्रयास कर रहा था और इस प्रयास में JDU के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह, नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच कड़ी का काम कर रहे थे.
एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में वशिष्ठ नारायण सिंह के सहयोग से उपेन्द्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच पांच बार मुलाकात हुई है. खबर है कि दो दिन पहले कुशवाहा और नीतीश कुमार की मुलाकात जब हुई तो उस बैठक में भी वशिष्ठ नारायण सिंह मौजूद थे. उसी बैठक में बात लगभग फाइनल हो गई. सूत्र बताते हैं कि कुशवाहा की जो मांगें थीं उसमें से अधिकांश नीतीश कुमार ने मान ली हैं.
राजनीतिक हलके के बीच कुशवाहा और नीतीश कुमार के एक साथ आने की खबर पर तब और मुहर लग गई, जब उपेन्द्र कुशवाहा और वशिष्ठ नारायण सिंह एक साथ IGIMS पहुंचे और कोरोना का टीका लिया. उस वक़्त जब NEWS 18 ने दोनों नेताओं से पूछा कि ये महज़ संयोग है या फिर मज़बूत होते सम्बंध का असर है, इस सवाल पर दोनों नेता मुस्कुराते रहे. कुशवाहा ने बोला कि हमारा सम्बंध दादा से काफी पुराना है और जहां तक बात नीतीश जी की है तो हम अलग कब थे कि साथ होने की बात हो रही है? वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कुशवाहा जी हमारे पुराने साथी रहे हैं. हमारे साथ बहुत जल्द आ जाएंगे और ये भी मानिए कि आज से ही हमारे साथ आ गए हैं.
सूत्र बताते हैं कि बहुत जल्द यानी 14 या 15 मार्च को JDU और RLSP का विलय हो सकता है. कुशवाहा की जो मांगें थीं यानीं उनके सहयोगियों का बेहतर सामंजस्य हो जाए और उनकी भूमिका क्या होगी, इन तमाम सवालों का जवाब नीतीश कुमार ने दे दिया है. और अब दोनों दलों का एक होना महज औपचारिकता ही शेष है.
Source : News18