बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से एक निश्चय को घोटालेबाजों की नजर लग गई है। ये योजना हर घर नल का जल है जिसमें जमकर माल बटोरा गया है। इस योजना में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहाने के आरोप में अब तक 350 से ज्यादा मुखिया पर FIR दर्ज हुई है। सरकारी बाबुओं पर भी इस मामले में एक्शन हुआ है।

मुखिया के अलावा ठेकेदार, सुपरवाइजर और पंचायत सचिव भी घपले में शामिल

ये फेहरिस्त बहुत लंबी है। राज्य में सिर्फ नल जल योजना में घपले को लेकर अब तक 373 मुखिया, 45 ठेकेदार ,62 सुपरवाइजर, 32 पंचायत सचिव पर FIR दर्ज कराई जा चुकी है। इन पर आरोप है कि योजना के बजाए इन्होंने अपनी जेब भरने पर ध्यान दिया। काम में गुणवत्ता से लेकर हर मोर्चे पर घपला हुआ। क्या मुखिया, क्या ठेकेदार… जो जितना पैसा अपनी जेब में भर सकता था, उसने उतना भर लिया। लेकिन घोटाले का घड़ा जल्दी ही फूट गया जब इसकी शिकायतें आने लगीं।

RTI से हुआ खुलासा

बिहार के जानेमाने आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने जब नल जल योजना से जुड़ी जानकारी मांगी तब ये खुलासा हुआ। पता चला कि ज्यादातर मुखिया पर कमीशनखोरी से लेकर प्रोजेक्ट को पूरा कराने में लेट-लतीफी बरतने, काम की खराब गुणवत्ता जैसे गंभीर आरोप थे। जब इसकी जांच हुई तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद अब सरकार की तरफ से दोषी पाए गए सभी मुखिया को पद मुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही प्रोजेक्ट की निगरानी में चूक या लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई होनी तय है। तेरह प्रखंड विकास पदाधिकारी और 10 पंचायत राज पदाधिकारी से इस बारे में लिखित सफाई मांगी गई है।

देख लीजिए घोटाला करने वाले मुखिया की लिस्ट

जिन जिलों में मुखिया पर प्राथमिकी हुई है उसमें पटना में 12,औरंगाबाद में 9, नालंदा में 6, जहानाबाद में 19, मुजफ्फरपुर में 16, गया में 17, भागलपुर में 13, मधुबनी में 22, दरभंगा में 13, सहरसा में 16, बांका में 17 ,रोहतास में 15, पूर्वी चंपारण में 12, पश्चिम चंपारण में नौ, सिवान में 9, सारण में 5, मुंगेर में 19, समस्तीपुर में 13, सुपौल में 11, मधेपुरा में 17 ,पूर्णिया में 12, भोजपुर में 8, गोपालगंज में 12, वैशाली में 17, सीतामढ़ी में 12 मुखिया शामिल हैं।

गड़बड़ी मिलने के बाद मुख्य सचिव ने जारी किया आदेळ
‘हर घर नल का जल’ योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से एक और उनके ड्रीम प्रोजेक्ट तक में शामिल है। चुनाव हों या फिर कोई भी मौका, सीएम नीतीश इसकी चर्चा हमेशा करते हैं। अब इसी में गड़बड़ी के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को प्रोजेक्ट में पूरी पारदर्शिता लाने और निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश तक के गृह जिले में हुआ घपला!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के सिलाव प्रखंड के पाकी गांव में सात निश्चय योजना से बनाई गई पानी टंकी टावर सहित 24 घंटे के अंदर जमींदोज हो गई। स्थानीय लोगों की माने तो इस पानी टंकी का निर्माण काफी दिनों से कराया जा रहा था। इसी सोमवार को इसके ऊपर पानी की टंकी रखी गई और सुबह में जैसे ही इस में पानी भरना शुरू किया गया तो अचानक टंकी समेत टावर टूट कर गिर गया । इससे आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। इस मामले में पंचायत की मुखिया कांति देवी ने बताया कि उन्होंने राशि की भुगतान कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि वार्ड संख्या 11 में 18 लाख की लागत से नल जल योजना काम कराया जा रहा था। मगर काम में अनियमितता बरती गई जिसके कारण यह हादसा हुआ । उन्होंने सीधे-सीधे वार्ड सदस्य वार्ड सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इस मामले में सिलाव के प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉक्टर अंजनी कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी । जो भी दोषी होंगे उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Input: NBT Hindi

rama-hardware-muzaffarpur

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD