बिहार के पूर्व कृषि मंत्री और नीतीश कुमार के दोस्त रहे नरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को कोरोना संकट पर पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि नीतीश जी कहीं ऐसा न हो कि आपका नाम इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाए। खास बात ये है कि 2014 से पहले नरेंद्र सिंह नीतीश कैबिनेट का हिस्सा थे और उनके करीबी मंत्रियों में से एक माने जाते थे।
इतना ही नहीं नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह वर्तमान में बिहार सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘नीतीश जी कहीं ऐसा न हो कि कोरोना को लेकर जब इतिहास लिखा जाए तो आपका नाम काले अक्षरों में लिखा जाए, क्योंकि बिहार में कोरोना को लेकर सरकार जो काम कर रही है वह नाकाफी है।’
सिंह का कहना है कि इस तरह कोरोना से जंग नहीं जीती जा सकती है। उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘बिहार में कोरोना के बढ़ते हालात से आप अवगत हैं। पूरा बिहार इस महामारी की चपेट में है। उचित उपचार के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं। मैं यह पत्र आपकी आलोचना के लिए नहीं बल्कि कोरोना नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं।’
पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ये तीन सुझाव दिए हैं
पटना के कंकड़बाग में बना जयप्रभा मेदांता अस्पताल को पूरी तरह से कोरोना पीड़ितों को समर्पित कर दिया जाना चाहिए।
बिहार में जितने भी बड़े निजी अस्पताल और नर्सिंग होम हैं वहां भी कोरोना मरीजों के लिए बेड इंतजाम करने का आदेश दिया जाए। इसका सारा खर्च राज्य सरकार वहन करे।
Input: Live Hindustan
राज्य सरकार कोरोना मरीजों के इलाज में आने वाले खर्च की दर तय करे, जिससे निजी अस्पताल मनमानी कीमत न वसूल पाएं।