लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत और चीन की हिंसक झड़प (India China Faceoff) को लेकर नेपाल सरकार (Nepal Government) ने बयान जारी किया है. नेपाल ने कहा है कि हमें विश्वास है कि हमारे मित्र पड़ोसी भारत और चीन अच्छे पड़ोसी की भावना से, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और विश्व शांति और स्थिरता के पक्ष में शांतिपूर्ण साधनों के माध्यम से अपने आपसी मतभेदों को हल करेंगे.

नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी इस बयान में कहा गया कि नेपाल मानता है कि दोनों देशों के बीच हुए मतभेद शांति से सुलझाए जाने चाहिए. नेपाल हमेशा स्थानीय और विश्व शांति के लिए दृढ़ता से खड़ा रहा है. हाल ही में हमारे दो पड़ोसी मित्रों भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुए घटनाक्रमों के संदर्भ में, नेपाल को विश्वास है कि दोनों ही पड़ोसी देश इस मामले को अच्छे पड़ोसियों की तरह शांति से द्विपक्षीय, स्थानीय और विश्व शांति को कायम रखते हुए सुलझा लेंगे.

5 मई से चीन के साथ विवाद है जारी

बता दें 5 मई से भारत और चीन के बीच गलवान घाटी और पैंगोग सो इलाके में तनातनी जारी थी जिसे सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई वार्ताएं हुईं. 15-16 जून की दरम्यानी रात भारत और चीन के बीच की ये झड़प हिंसक हो गई और इसमें भारत के 20 जवानों ने अपनी जान कुर्बान कर दी, वहीं 76 से ज्यादा जवान घायल हो गए. चीन को भी इस झड़प में नुकसान हुआ और उसके भी कई सैनिक हताहत हुए. इसके बाद मेजर जनरल स्तर की कई वार्ताएं हो चुकी हैं और भारतीय विदेश मंत्री भी चीन में अपने समकक्ष से टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं.

नेपाल के नए मानचित्र के दावे को भारत कर चुका है खारिज

गौरतलब है कि नेपाल ने हाल ही में नया नक्शा जारी किया है जिसमें कि उसने भारत के तीन इलाकों लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपना हिस्सा बताया है. नेपाल के इस नए नक्शे को लेकर संविधान संशोधन बिल दोनों ही सदनों में पास हो चुका है और राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी है. हालांकि भारत ने नेपाल के इस दावे को पूरी तरह से खारिज किया है. इस बिल के निचले सदन में पारित किए जाने पर भारत ने कहा था कि यह कृत्रिम विस्तार साक्ष्य एवं ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह मान्य नहीं है.

इस कारण बढ़ा नेपाल के साथ विवाद

भारत ने नवंबर 2019 में एक नया नक्शा जारी किया था, जिसके करीब छह महीने बाद नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया था. नेपाली संसद के ऊपरी सदन यानी नेशनल असेम्बली ने संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इसके बाद नेपाल के नक्शे को बदलने का रास्ता साफ हो गया. भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में उस वक्त तनाव पैदा हो गया था, जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था.

Input : News18

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