मिजोरम में राज्य के मुख्य सचिव के पद को लेकर परेशानी खड़ी हो गई है. उत्तर पूर्वी राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भाषा की परेशानी का हवाला देते हुए आदेश में संशोधन और मुख्य सचिव को बदलने की अपील की है. सीएम का कहना है कि राज्य में मिजो भाषा नहीं जानने वाला अधिकारी प्रभावी नहीं होगा. इसके अलावा केंद्र और राज्य की तरफ से अलग-अलग आदेश जारी होने के चलते मुख्य सचिवों की संख्या दो हो गई है.
केंद्र सरकार ने 28 अक्टूबर को AGMUT कैडर की 1988 बैच की IAS अधिकारी को 1 नवंबर से मुख्य सचिव के तौर पर नियुक्त किया था. इसी दिन राज्य सरकार तरफ से जारी आदेश में जेसी रामथंगा को मुख्य सचिव के तौर पर कार्यभार संभालने के लिए कहा गया था. सीएम जोरमथंगा भी अतिरिक्त सचिव रामथंगा को नया मुख्य सचिव बनाना चाहते हैं. 29 अक्टूबर को उन्होंने इस संबंध में गृहमंत्रालय को पत्र लिखा था.
एनडीटीवी के अनुसार, जोरमथंगा ने कहा है कि यहां मिजो भाषा नहीं जानने वाला अधिकारी असरदार नहीं होगा. उन्होंने पत्र लिखा, ‘मेरा कोई कैबिनेट मंत्री हिंदी नहीं समझता, ज्यादातर मिजो लोग भी हिंदी नहीं जानते और कुछ लोगों को अंग्रेजी के साथ भी समस्या है. ऐसी पृष्ठभूमि के साथ बगैर मिजो भाषा की जानकारी वाला मुख्य सचिव कभी भी प्रभावी और कुशल मुख्य सचिव नहीं होगा.’
उन्होंने लिखा, ‘इस तथ्य के चलते जब से मिजोरम राज्य बना है. भारत सरकार ने कभी भी ऐसा मुख्य सचिव नियुक्त नहीं किया, जिसे मिजो भाषा नहीं आती…’ उन्होंने लिखा कि चाहे केंद्र में यूपीए सरकार हो या एनडीए सरकार मिजोरम राज्य के लिए हमेशा यही व्यवस्था रही है. उन्होंने पत्र के जरिए अमित शाह को यह भी याद दिलाया कि वे शुरू से ही एनडीए के ‘भरोसेमंद साथी’ रहे हैं. साथ ही उन्होंने मामले पर विचार की उम्मीद जताई.
रिपोर्ट के अनुसार, जोरमथंगा ने लिखा, ‘उत्तर पूर्वी राज्यों में से केवल मैं ही हूं, जो शुरुआत से लेकर अबतक NDA का भरोसेमंद साथी रहा हूं. इसलिए मुझे लगता है कि मैं NDA के साथ इस भरोसेमंद दोस्ती के लिए विशेष एहसान का पात्र हूं… ‘ उन्होंने लिखा कि मुख्य सचिव का प्रस्ताव मुझसे पहले कांग्रेस मुख्यमंत्री को भी दिया गया था. सीएम ने लिखा, ‘ऐसे में अगर मुझे इनकार कर दिया जाता है, तो NDA के साथ वफादारी से साझेदारी निभाने के लिए कांग्रेस पार्टी और दूसरे विपक्षी दल मेरा मजाक उड़ाएंगे. इसलिए मैं आपसे आदेश में संशोधन करने और मेरा प्रस्ताव स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं.’
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