पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में इस दशहारा भी असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक ‘रावण व’ध’ किया जाएगा। इस बार और साल की अपेक्षा ज्यादा आति’शबाजी नहीं की जाएगी। पिछले दिनों बारिश के पानी की वजह से आए प्राकृतिक आप’दा के बाद शहर एक भया’वह दौर से गुजर रहा है। गांधी मैदान में दशहरा के मौके पर पहली बार वर्ष 1955 में ‘रावण व’ध’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

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इसके बाद अपरिहार्य कारणों के कारण तीन वर्ष छोड़ दें तो प्रतिवर्ष यह आयोजन होता आ रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार इस ऐतिहासिक गांधी मैदान में वर्ष 1955 में दशहरा के मौके पर रावण के वध करने के प्रतीक रावण का पुतला बनाकर उसे जलाया गया था। उसके बाद यह परंपरा बन गई हैं। वैसे दशहरा महोत्सव समिति के एक अन्य अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 1965 और 1971 में चीन और पाकिस्तान युद्ध के कारण यह आयोजन नहीं किया गया था, जबकि वर्ष 1975 में पटना में आई भयंकर बाढ़ के कारण इस आयोजन को स्थगित कर जमा राशि को आपदा कोष में दे दिया गया था। इस साल आठ अक्तूबर को दशहरा के मौके पर रावण बंधुओं के पुतले जलाए जाएंगे। गांधी मैदान में मंगलवार को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच रावण दहन समारोह शाम 4.30 से 5.30 बजे के संपन्न होगा। कार्यक्रम के दौरान गांधी मैदान की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी। इसको लेकर पटना पुलिस सतर्क है। पुलिस के जवानों को पूरे मैदान के अंदर और बाहर तैनात किया जा रहा है।

Input : Hindustan

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