नीतीश सरकार ने पटना में प्रायोरिटी कॉरीडोर में तीन साल में मेट्रो दौड़ाने का लक्ष्य दिया है। हालांकि दोनों कॉरीडोर का काम पूरा करने की समयसीमा वर्ष 2024 है। प्रायोरिटी कॉरीडोर में दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने काम शुरू कर दिया है। तीन महीने में मिट्टी की जांच का काम पूरा कर लिया जाएगा। वहीं डीएमआरसी ने बदले हुए एलाइनमेंट के सर्वे का काम भी पूरा कर लिया है। जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा।

पटना मेट्रो के काम में तेजी आती दिख रही है। इसे लेकर नगर विकास सचिव सह पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन के सीएमडी आनंद किशोर डीएमआरसी के अधिकारियों संग कई दौर की वार्ता कर चुके हैं। सबसे पहले दूसरे कॉरीडोर के प्रायोरिटी कॉरीडोर में काम शुरू किया जा रहा है। यह हिस्सा राजेंद्र नगर से मलाही पकड़ी होकर जीरोमाइल होते हुए न्यू आईएसबीटी तक है। करीब सात किलोमीटर लंबे इस हिस्से में काम तेजी से इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि अधिकांशत: यहां मेट्रो एलीवेटेड (जमीन से ऊपर) ही गुजरेगी। भूमि अधिग्रहण की भी ज्यादा दिक्कत नहीं है, क्योंकि ज्यादातर सरकारी जमीन है।

छठ के मौके पर मिट्टी की जांच का काम मलाही पकड़ी से आरंभ हो गया। यह काम डीएमआरसी ने राजस्थान की कंसल्टिंग इंजीनियर्स ग्रुप लिमिटेड को सौंपा गया है। कंपनी द्वारा अंडरग्राउंड वाले हिस्सों में जमीन के नीचे 40 फीट तक से मिट्टी के नमूने लेकर जांच की जा रही है। वहीं एलीवेटेड हिस्से में भी पिलर के लिए 25 से 30 मीटर नीचे से सेंपल लिए गए हैं। मिट्टी के नमूनों की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही तय होगा कि मेट्रो के लिए पिलर कितनी गहराई पर बनेंगे। एलीवेटेड हिस्से में हर 100 मीटर और अंडरग्राउंड हिस्से में हर 200 मीटर के फासले पर मिट्टी के नमूने लिए जा रहे हैं। प्रायोरिटी कॉरीडोर में जांच के बाद दूसरे स्थानों पर मिट्टी की जांच का काम होगा। उधर, बदले हुए अलाइनमेंट की सर्वे रिपोर्ट को राज्य सरकार से हरी झंडी मिलते ही डीएमआरसी वहां काम शुरू कर देगा।

Input : Hindustan

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