पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में उस वक्त हड़कंप मच गया जह डॉक्टर समेत अस्पताल के कर्मियों को पता लगा कि जिस मरीज का कुछ देर पहले ऑपरेशन किया गया था, वो कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.

Junior doctors' strike caused highest number of cancelled ...

बिना कोरोना जांच के ही ऑपरेशन कर मरीज को पेशमेकर लगाना महंगा पड़ गया. इसके बाद लैब को सैनिटाइज किया जा रहा है, वहीं ऑपरेशन में शामिल डॉक्टर और सहायक खुद को क्वारंटाइन करने के लिए अपने उच्च अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं.

जांच रिपोर्ट आने के बाद मरीज को कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि सीने में लगातार दर्द और बिगड़ी हालत को देखते हुए 50 साल के एक मरीज को परिजन तीन दिन पहले आइजीआइसी में लाया गया था. जहां जांच के बाद डॉक्टर ने अस्थायी पेसमेकर लगाने की बात कही. मरीज को बिना कोरोना जांच किये बगैर अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया. अगले दिन कोरोना जांच करायी गयी, लेकिन रिपोर्ट आने के पहले ही डॉक्टरों ने सर्जरी कर पेसमेकर लगा दिया और फिर वार्ड में भर्ती कर दिया गया. पेसमेकर लगाने के कुछ घंटे बाद ही मरीज की कोरोना रिपोर्ट आई और वह पॉजिटिव पाया गया. जनरल वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों को जैसे ही रात को उस मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिली, उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. वमामले की जानकारी होने के बाद देर रात मरीज को कोविड वार्ड में शिफ्ट कराया गया, फिर मामला शांत हुआ.

Input : First Bihar

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