बिहार में 94 हजार प्राइमरी शिक्षकों की बहाली के मामले में पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाइकोर्ट ने राज्य के प्राइमरी स्कूलों में होने वाले शिक्षकों की बहाली मामले में कहा कि 23 नवंबर, 2019 के पहले के सीटीईटी परीक्षा पास उम्मीदवार ही बहाली प्रक्रिया मे भाग ले सकते हैं। न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने नीरज कुमार व अन्य की ओर से दायर अर्जी अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने अर्जी को खारिज कर दिया। इससे पहले मामले पर सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरी की जाए। आवेदकों के वकील दीनू कुमार का कहना था कि राज्य सरकार ने 15 जून, 2020 को एक आदेश पारित कर कहा था कि दिसम्बर, 2019 में सीटीईटी पास उम्मीदवार इस परीक्षा में नहीं भाग ले सकते है। प्रकाशित विज्ञापन में बदलाव नही किया जा सकता है। इस परीक्षा के माध्यम से पूरे राज्य में लगभग 94 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही हैं।

शिक्षा विभाग ने 15 जून 2020 को जारी अपने एक नए आदेश में कहा था कि प्रारंभिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) का 18 महीने का डीएलएड कोर्स करने वाले वैसे अभ्यर्थी भाग लेंगे, जिन्होंने नवंबर 2019 तक अनिवार्य शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण आर्हता प्राप्त कर ली है। दिसम्बर 2019 में पास हुए कम्बाइन्ड टीईटी अभ्यार्थियों को शिक्षक नियोजन कार्यक्रम में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश को राज्य सरकार का मनमानापन करार देते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और इसे निरस्त करने की मांग की थी।

Input: Live Hindustan

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