शहर से सिर्फ 7 किमी की दूरी पर स्थित है पताही हवाई अड्डा। फिलहाल यहां डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन, हवाई यात्रा के लिए नहीं बल्कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज की देखरेख के लिए। चौंकिए मत! क्योंकि यहां से विमानों की उड़ान नहीं होती। इसलिए प्रशासन ने सरकार के आदेश पर 500 बेड का बड़ा कोविड अस्पताल खोल दिया।
#AD
#AD
दरअसल, विमान सेवा शुरू करने को लेकर वादे तो खूब किए गए। लेकिन हर बार यहां आकर आश्वासनों की उड़ान थम गई। न ही 60 सीटर और न ही 24 सीटर विमान सेवा ही शुरू हुई। पिछले लोकसभा चुनाव में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी जगह पर हुई एक चुनावी सभा में यहां से विमान सेवा शुरू किए जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद लोगों में नई उम्मीद जगी थी। लेकिन, 5 साल एेसे ही बीत गए। विमान सेवा नहीं शुरू हुई। अब विधानसभा चुनाव आते ही यह मुद्दा तेजी से यहां की फिजाओं में फिर तैरने लगा है। लोगों की कसक यह भी है कि पड़ोस के जिले में दरभंगा जिले से उड़ान शुरू हो गई लेकिन यहां नहीं।
हवाई सेवा से व्यापार और पर्यटन क्षेत्र को मिलती रफ्तार
हवाई सेवा से व्यापार व पर्यटन को रफ्तार मिलेगी। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पुरुषोत्तम पोद्दार कहते हैं- मुजफ्फरपुर नॉर्थ बिहार की थोक वस्त्र मंडी के साथ लहठी, लीची के लिए प्रसिद्ध है। बुद्ध व जैन धर्म से जुड़ाव के चलते विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटन को बढ़ावा मिलने से रोजगार की बड़ी संभावनाएं बढ़ेंगी।
60 करोड़ का एस्टीमेट भेजा सरकार को, ठंडे बस्ते में पड़ा
पताही से उड़ान पिछले कई चुनाव से मुद्दा बनता रहा है। कई बार प्रयास भी हुए। आखिरी बार 2017 में नागर विमानन मंत्रालय की ओर से हवाई अड्डे के जीर्णोद्धार को लेकर लेआउट बनाने की जिम्मेदारी राइट्स कंपनी को दी गई। जिसके बाद कंपनी की ओर से 60 करोड़ का प्राक्कलन(एस्टीमेट) तैयार कर सरकार को भेजा गया। लेकिन, इसके बाद आगे कुछ नहीं हुआ। सब कुछ ठंडे बस्ते में है।
छाेटा रनवे उड़ान में बाधक, कम से कम 1829 मीटर लंबा चाहिए
उड़ान में सबसे बाधा रनवे की कम लंबाई बताई जाती है। राइट्स के सर्वे और जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यावसायिक उड़ान के लिए कम से कम 1829 मीटर लंबा रनवे चाहिए। अभी रनवे की लंबाई 12 सौ मीटर है। पास की जमीन लेने पर भी 1350 मीटर का ही रनवे बन सकेगा। जमीन अधिग्रहण भी आसान नहीं है। 475 एकड़ जमीन के लिए 70 अरब 45 करोड़ चाहिए।
Input: Dainik Bhaskar