यह सचमुच दिलचस्प है। जेब में अपनी राजनीतिक पार्टी है। पिता या पति पार्टी के सबकुछ हैं, लेकिन चुनाव मैदान में जाना होता है तो दूसरों का सहारा लेना पड़ रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में करीब आधे दर्जन उम्मीदवार इसी तरह के हैं। इनमें से कुछ पार्टियां चुनावी राजनीति से अलग हो गई हैं, फिर भी उनका अस्तित्व कायम है। कुछ ऐसी भी हैं, जिनके सिंबल पर बड़ी संख्या में उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। जन अधिकार पार्टी (JAP) के अध्‍यक्ष पप्‍पू यादव (Pappu Yadav) की पत्‍नी रंजीता रंजन (Ranjita Ranjan), शरद यादव (Sharad Yadav) की बेटी सुहासिनी राज राव (Suhasina Raj Rao) तथा आनंद मोहन (Anand Mohan) की पत्‍नी लवली आनंद (Lovely Anand) तो इसके केवल तीन उदाहरण हैं। लिस्‍ट लंबी है।

कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी पप्‍पू यादव की पत्‍नी

जन अधिकार पार्टी राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रही है। उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव के पास टिकट लेने वालों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन उनकी पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहीं हैं। वे कांग्रेस की सांसद भी रह चुकी हैं। संभावना जाहिर की जा रही है कि रंजिता कांग्रेस टिकट पर ही सुपौल से चुनाव लड़ें।

शरद यादव की बेटी सुहासिनी को भी कांग्रेस का सहारा

जाने माने समाजवादी नेता शरद यादव की पार्टी का नाम है- लोकतांत्रिक जनता दल। जनता दल यूनाइटेड से अलग होने के बाद उन्होंने इसका गठन किया था। उनकी पुत्री सुहासिनी राज राव बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गईं। वह मधेपुरा जिला के बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की उम्मीदवार बन सकती हैं। मध्य प्रदेश के मूल निवासी शरद यादव ने सांसद रहते मधेपुरा में अपना मकान बना लिया। स्थानीय मतदाता सूची में उनके स्वजनों के भी नाम हैं। शरद यादव ने 2019 का लोकसभा चुनाव राष्‍ट्रीय जनता दल के टिकट पर लड़ा था। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शर्त रखी थी कि उनकी पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ें। उस समय लोकतांत्रिक जनता दल अस्तित्व में आ गया था।

अपनी पार्टी पर दूसरे दल के टिकट पर मैदान में

पूर्व सांसद और राज्य सरकार में मंत्री रहीं रेणु देवी कुशवाहा की अपनी पार्टी है- भारतीय सबलोग पार्टी। वे लोक जनशक्ति पार्टी प्रत्‍याशी की हैसियत से खगडि़या से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। वे 1999 में जेडीयू के टिकट पर यहां से लोकसभा के लिए चुनी गईं थीं।

आनंद मोहन की पत्‍नी को आरजेडी ने मैदान में उतारा

बिहार पीपुल्स पार्टी ने 1995 का विधानसभा चुनाव राज्य में सरकार बनाने के इरादे से लड़ा था। इसके संस्थापक आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और पुत्र चेतन आनंद इस बार आरजेडी के टिकट पर क्रमश: सहरसा और शिवहर से चुनाव लड़ रहे हैं। आनंद मोहन के जेल में रहने के कारण एनकी पार्टी कई वर्षों से चुनाव नहीं लड़ रही है। लवली आनंद इससे पहले जेडीयू और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में लवली आनंद बाढ़ से जेडीयू के टिकट पर जीती थीं। 2010 में आलमनगर विधानसभा क्षेत्र में उनकी हार हो गई, जहां वे कांग्रेस की उम्मीदवार थीं।

Source : Dainik Jagran

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