कोरोना महामारी के बीच सांसद निधि से खरीदे गए एंबुलेंस के यूं ही पड़े रहने का विवाद गहराता जा रहा है। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के साथ उनके करीबी और एक रिश्तेदार पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।

रविवार को पप्पू यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित गाली-गलौच से भरा ऑडियो क्लिप भी सुनाया। उन्होंने सारण के तत्कालीन डीएम पंकज पाल के तबादले की जांच की मांग भी कर दी। कहा कि डीएम ने एंबुलेंस ये कहते हुए जब्त किया था कि वे इसका इस्तेमाल निजी कार्यों में करते हैं।

पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि हमारे एक वर्कर मनीष विशाल को जान से मारने की धमकी दी गई। अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके जिम्मेदारी राजीव प्रताप रूडी होंगे। उन्होंने सांसद के कौशल प्रशिक्षण केंद्र की जमीन का दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि अभी तक उन्होंने भूस्वामी को पैसे तक नहीं दिए हैं। आखिर क्यों? अमनौर में हुए केस पर भी सवाल खड़े किए।

जाप अध्यक्ष ने कहा कि यह राजनीति से प्रेरित है। जब हम गए तो वहां हमने शांतिपूर्ण तरीके से चीजों को उजागर किया। उस वक्त केस करने वाले लड़के मौजूद भी नहीं थे। इस मामले की सच्चाई के लिए आईजी के नेतृत्व में जांच हो और उन लड़कों का फोन लोकेशन निकाला जाए। उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज करने की बजाए 24 घंटे बाद क्यों किया गया।

पप्पू यादव ने कहा कि 11 हजार करोड़ के पीएम केयर फंड से बिहार को 600 वेंटिलेटर मिले थे। उनमें से एक भी चालू क्यों नहीं है। इस मामले स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों पर 302 का मुकदमा दर्ज हो।

Source : Hinndustan

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