प्रवासी बिहारी चुनाव महापर्व से अधिक तवज्जो छठ महापर्व को दे रहे हैं। छठ के समय देश के कोने-कोने से लोग बिहार आने की तैयारी में हैं लेकिन विधानसभा चुनाव में आने में वे रुचि नहीं दिखा रहे हैं। देश के विभन्न शहरों से बिहार आने वाली ट्रेनों में वेटिंग की स्थिति इसे साबित भी कर रही है। छठ के समय लाखों प्रवासियों को बिहार लौटने के लिए आरक्षण टिकट नहीं मिल पा रहा है। वहीं विधानसभा चुनाव व उसके आसपास की तिथियों में नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, सिकंदराबाद समेत अन्य शहरों से आने वाली ट्रेनों में सीटें खाली हैं।

ट्रेनों में वेटिंग की स्थिति

नई दिल्ली से पटना आने वाली संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस में 21 अक्टूबर को स्लीपर श्रेणी में केवल 50 वेटिंग है। 22 अक्टूबर को 66, 23 अक्टूबर को 63, 24 अक्टूबर को 59 वेटिंग है। वहीं, 31 अक्टूबर को इसी ट्रेन में 37, एक नवंबर को 59, दो को 60 वेटिंग है। ऐसा तब है जब पटना जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में 28 अक्टूबर व तीन नवंबर को ही चुनाव है। इसको लेकर लोगों में उत्साह नहीं दिख रहा है। वहीं, छठ के समय इसी ट्रेन में नौ नवंबर को 130, 10 नवंबर को 170, 11 नवंबर को 165, 12 नवंबर को 200 व 14 को 263 वेटिंग है।

कमोबेश इसी तर्ज पर पटना समेत दूसरे शहरों से बिहार आने वाली ट्रेनों में चुनाव के आसपास की तिथि में कम वेटिंग है, जबकि छठ के आसपास अधिक। ऐसे में साफ है कि बिहार के लोग चुनाव से अधिक लोक आस्था के महापर्व छठ को जरूरी मानते हैं। पटना के अलावा कैमूर, सासाराम, औरंगाबाद, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा और हाजीपुर समेत अन्य जिलों में दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी बिहारी चुनाव की तिथियों की तुलना में छठ में अधिक पहुंच रहे हैं। ऐसा रेलवे के आरक्षण की स्थिति को देखकर साफ है।

सूबे में आने-जाने वाली ट्रेनें फुल

गाड़ी संख्या 02392 श्रमजीवी में नई दिल्ली से पटना के लिए 21 अक्टूबर को शयनयान में 52, 22 अक्टूबर को 40, 23 को 35, 24 को 26 और 25 को 34, 26 को 17 वेटिंग है। इसी में 31 अक्टूबर को 14, एक नवंबर को 38, दो को 29 वेटिंग है। थर्ड व सेकेंड एसी में तो सीटें भी हैं। यानी पटना में चुनाव के दोनों चरण के समय ट्रेनों में करीब सामान्य स्थिति है। इसी ट्रेन में नौ नवंबर को 91, 10 नवंबर को 140 व 11 नवंबर को 135 और 13 नवंबर को 175 वेटिंग है। यानी छठ के समय आने वालों की तादाद अधिक होने से वेटिंग बढ़ रही है। इसी तरह बेंगलूरु से दानापुर के लिए 21 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच के बीच वेटिंग लगभग 100 से 150 के बीच है। इसी ट्रेन में 31 अक्टूबर को 164, एक नवंबर को 225, दो नवंबर को 232, तीन को 216 व चार को 217, पांच नवंबर को 260 है।

10 नवंबर के आसपास तो ट्रेन में नो रूम है। यानी छठ में अधिक परेशानी है। साथ ही मुंबई से आने वाली गाड़ी संख्या 02141 मुंबई पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में 21 अक्टूबर को 10 वेटिंग है, जबकि 22 अक्टूबर से 26 तक ट्रेन में आएसी है यानी सीटें खाली हैं। छठ के समय इस ट्रेन में भी लंबी वेटिंग है। नई दिल्ली से सासाराम होते गुजरने वाली गाड़ी संख्या 02856 में 25 अक्टूबर से छह नवंबर तक स्लीपर में ढेरों सीटें खाली हैं, जबकि आनंद विहार पुरी स्पेशल में नई दिल्ली से सासाराम के लिए 16 नवंबर व 17 नवंबर को 100 से अधिक वेटिंग है। मुंबई से दरभंगा आने वाली गाड़ी संख्या 01061 एलटीटी दरभंगा स्पेशल में चुनाव के समय सात नवंबर को अंतिम चरण के आसपास सीटों की मारामारी ट्रेन में नहीं है। लेकिन छठ के समय 14 व 15 नवंबर को ट्रेन में रीग्रेट की स्थिति है। यानी चुनाव के समय सीटें खाली हैं, जबकि छठ के आसपास नो रूम की स्थिति है।

छठ बाद परेशानी

बिहार से जाने वाली ट्रेनों में चुनाव की तिथि के बाद सीटें उपलब्ध हैं, जबकि ट्रेन में छठ के बाद जाने वाले लोगों को काफी वेटिंग मिल रही है। संपूर्ण क्रांति, श्रमजीवी, संघमित्रा, हमसफर समेत सभी ट्रेनों में यही हाल है। छठ के बाद 21 नवंबर को 65, 22 नवंबर को 134, 23 को 94, 24 को 110, 25 को 101 व 26 नवंबर को 100 वेटिंग है। छठ बाद बेंगलुरु से लौटने के लिए 21 नवंबर को 100, 22 को 104, 23 को 106, 24 को 101, 25 को 101 व 26 को 110 वेटिंग है। यह अभी और बढ़ेगी।

पटना में दो चरण में चुनाव

पटना में पहले चरण में 5, दूसरे चरण में 9 सीटों पर मतदान होना है। पहले चरण में मोकामा, मसौढ़ी, पालीगंज, बिक्रम व बाढ़, दूसरे में दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारी व बख्तियारपुर में चुनाव है।

सोर्स : हिंदुस्तान 

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