मिलावट के स्तर की जांच के लिए विशेष लैब पटना में सैंपल भेजे जाएंगे। लोगों को उक्त खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करने की राय दी जाएगी। इधर, स्वास्थ्य विभाग ने उपरोक्त जिलों के सिविल सर्जन से लैब के लिए पारामेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

दो टैंकर मिलावटी रिफाइंड बनकर तैयार

घी की कीमत बढ़ने के कारण दिवाली व छठ में पकवान बनाने के लिए रिफाइंड का प्रयोग होता है। इसको देखते हुए धंधेबाजों ने तकरीबन दो टैंकर से अधिक रिफाइंड तैयार कर लिया है। दो और की तैयारी चल रही है। सूत्रों का कहना है कि मुजफ्फरपुर, आसपास के जिलों व नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में नकली रिफाइंड व सरसों तेल की बिक्री हो रही है।

40 रुपये में तैयार होता एक लीटर तेल : एक लीटर मिलावटी रिफाइंड व सरसों तेल में धंधेबाजों को मात्र 40 से 50 रुपये खर्च आता है। 15 रुपये वाला पाम ऑयल में इस्टर नाम के रसायन की दस बूंदें डाली जाती हैं। इस्टर के हजारों एसेंस होते हैं। इसमें रिफाइंड और सरसों तेल की गंध वाला इस्टर डाला जाता है।

इस तरह करें पहचान

मिलावटी रिफाइंड और सरसों तेल में हल्का कालापन होता है। भूरा भी दिखता है। सही सरसों तेल में पीलापन रहेगा। शुद्ध रिफाइंड पानी की तरह उजला व साफ दिखता है। मिलावटी तेल से बने खाद्य पदार्थ में तैलीय मात्रा अधिक रहती है। खाने में स्वाद बदला रहता है। तीता भी लगता है। गर्म करने पर मिलावटी रिफाइंड व सरसों तेल में फेन बनेगा। तुरंत गर्म हो जाता है।

रंगीन मिठाइयों से तौबा करें, घर में बनाए लड्डू

दीपावली के उत्सवी माहौल में खाने-खिलाने की परंपरा है। इससे खाद्य सामग्रियों की बिक्री भी ज्यादा होती है। मिठाइयों से लेकर दूध, पनीर व घी में जमकर मिलावट हो रही है। इसके लिए शहर के उत्तरी व बीच के बड़े मार्केट में छोटे कारखाने गलियों के अंदर बंद हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मिलावटी की समस्या है। इसको देखते हुए घर में बेसन बनाकर लड्डू बनाएं। यदि दूध पर्याप्त है तो उसकी मिठाई तैयार करें। मसाला में भी मिलावट रहती है। हल्दी को काफी पीला बनाने के लिए केमिकल का प्रयोग होता है।

इन वस्तुओं में ये मिलावट

दूध में पानी, अरारोट, घी में वनस्पति के साथ पाम ऑयल, सड़ा हुआ केला, मिठाइयों में नकली खोआ, मैदा, पीसा हुआ चावल, पनीर में कृत्रिम पाउडर, मैदा, अरारोट, धनिया में डंडी का बुरादा, हल्दी में कलर लेट क्रोमेट, लाल मिर्च पाउडर में सड़ा हुई मिर्च या उसका डंठल। एमडीडीएम कॉलेज के फूड साइंस एंड क्वालिटी विभाग की प्रो. निशी रानी के अनुसार मिलावटी मसाले की पहचान आसान है। हल्दी व धनिया को पानी में रखे। हल्दी में केमिकल होगा तो वह पानी को पीला कर देगा। धनिया में लकड़ी का बुरादा होगा तो पानी के ऊपर आ जाएगा।

इस तरह समझें मिलावट का खेल

एक किलो शुद्ध खोआ बनाने में छह लीटर तक दूध चाहिए। इसकी बाजार कीमत तीन सौ से कम नहीं होनी चाहिए। इतने कम में खोआ मिलना अपने आप में मिलावटी खोआ की पुष्टि करता है। सूत्रों की मानें तो मिलावटी खोआ ब्रांडेड दुकानों तक में खपाया जा रहा है। शहर और इसके आसपास के मोहल्लों व ग्रामीण क्षेत्रों में खपाने की तैयारी शुरू हुई है। शहर के पूर्वी उत्तरी क्षेत्र में इसको बनाया जा रहा है।

तीन से पांच सौ क्विंटल तक होती खपत

सूत्रों के अनुसार, पर्व के दौरान तीन सौ से लेकर पांच सौ क्विंटल खोआ की बिक्री होती है। इसमें एक तिहाई मिलावटी व नकली खोआ शामिल है। मिलावटी खोआ मुख्य रूप से कानपुर, बनारस, गोरखपुर, बिहार के खगड़िया और जमुई से आता है। रेलवे से लाखों का हर माह मिलावटी खोआ आता है।

खतरनाक रसायन से बनता नकली खोआ

नकली खोआ बनाने में मैदा, डालडा व सिंथेटिक गोंद का प्रयोग होता है। इसके साथ वनस्पति तेल, घी व एक्सपायर्ड मिल्क पाउडर का इस्तेमाल होता है। पाउडर और यूरिया से तैयार नकली दूध में मिल्क पाउडर, सैफोलाइट नामक रसायन का इस्तेमाल होता है। इससे बर्फी भी बनती है।

मिलावटी खोआ की जांच का तरीका

एमडीडीएम कॉलेज के फूड साइंस एंड क्वालिटी विभाग की प्रो. निशी रानी ने बताया कि खोआ पर आयोडीन की पांच से सात बूंद डालें। ऊपर से पांच से सात दाने चीनी के दें। फिर गर्म करें। यदि खोआ या मिठाई का रंग नीला हो जाए तो समझें इसमें मिलावट है।

लैब से हो चुकी है मिलावट की पुष्टि

पिछले पांच साल में दो दर्जन से अधिक सरसों तेल व रिफाइंड की लैब जांच में मिलावटी की पुष्टि हो चुकी है। पटना स्थित संयुक्त औषधि व खाद्य लैब (सीएफएडीएल) की रिपोर्टों में मिलावटी रिफाइंड और सरसों तेल में केमिकल की पुष्टि हो चुकी है।

एफएसएसएआई का दिशा-निर्देश आया है। मोबाइल लैब के लिए तकनीकी स्टाफ की मांग की गई है। कर्मियों की कमी की सूचना दी जा रही है। सरकार ही इसपर फैसला लेगी। उन्होंने बताया कि मिलावटी खाद्य सामग्री की लिखित सूचना आने पर फूड सेफ्टी ऑफिसर को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

-डॉ. एसपी सिंह, सीएस

मिलावट को लेकर कई तरह की सूचनाएं मिल रही हैं। जल्द ही इस पर कार्रवाई होगी। सीतामढ़ी डीएम के निर्देश पर मिलावट को लेकर छापेमारी चल रही है। मुजफ्फरपुर में कई खाद्य पदार्थों खासकर रिफाइंड, खोआ, घी, लड्डू में मिलावट हो रही है। तीन दिनों बाद मुजफ्फरपुर में पुलिस बल के साथ छापेमारी होगी।

Input : Live Hindustan

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