पश्चिम बंगाल और असम के विधानसभा चुनाव (West Bengal and Assam Assembly Elections) में राजद (RJD)  के लिए जमीन तैयार करने की जिम्मेवारी पहले तो अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqui) और श्याम रजक (Shyam Rajak) के हवाले थी। किंतु चुनाव की घोषणा होने के साथ ही इस काम को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of oppostion Tejashwi Yadav) ने खुद अपने हाथों में ले लिया है।

बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Bihar VidhanSabha Budget Session) के बीच में ही तेजस्वी ने तीन दिनों का समय निकाला है और दोनों राज्यों के चुनावी दौरे पर निकल गए। गुवाहाटी (Gwahati) में उन्होंने असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा (Assam Congress President Ripun Bora)  एवं ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बदरुद्दीन अजमल (All India United Democratic Front Badruddin Azmal )  से मुलाकात की है। आज रविवार को कोलकाता मेें ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) से मिलना है।

राजद ने जिद छोड़ने का मूड बना लिया

तेजस्वी की पूरी कवायद को तालमेल की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। खबर यह भी है कि राजद ने सीटों के मसले पर जिद छोडऩे का मूड बना लिया है। मतलब ममता अपनी मर्जी से एक-दो सीटें भी दे देंगी तो राजद को वह भी मंजूर हो जाएगा। राजद ने अपने दो बड़े नेताओं को तीन हफ्ते से पश्चिम बंगाल और असम के अभियान पर लगा रखा है।

अब्दुल बारी सिद्दीकी एवं श्याम रजक ने दो सप्ताह पहले ममता के भतीजा अभिषेक बनर्जी से भी मुलाकात की थी। राजद का प्रस्ताव रखा था, जिसमें कुल छह सीटों की मांग थी। किंतु तृणमूल की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया तो निराशा स्वाभाविक है। चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही राजद की बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि कांग्रेस और वामदलों के मोर्चे ने राजद के लिए दरवाजा खोल रखा है। उन्हें आज भी इंतजार है, जबकि राजद की प्राथमिकता में ममता बनर्जी हैं।

Input: Dainik Jagran

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