कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक जारी। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में उन प्रस्तावों पर भी मुहर लगेगी, जो किसानों को भेजी जानी हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार किसान एमएसपी और एपीएमसीपी पर किसानों की बात मान सकती है। सरकार एमएसपी लिखित भरोसा देने को तैयार है। साथ ही किसानों पर दर्ज केस भी वापस ले सकती है। सरकार पराली और बिजली अध्यादेश भी वापस लेने के लिए तैयार है। दोपहर दो बजे बीजेपी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी।

राकेश टिकैत सिंधु बार्डर किसानों के साथ बैठक करने जा रहे। किसान आंदोलन को लेकर तय होगी आगे की रणनीति।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम अपनी बैठक में रणनीति बनाएंगे और उनके (केंद्र) प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। किसान पीछे नहीं हटेंगे, यह उनके सम्मान की बात है। क्या सरकार कानून वापस नहीं लेगी? क्या अत्याचार होगा? अगर सरकार जिद्दी है, तो किसान भी हैं। कानून वापस लेना होगा।’

आपको बताता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 13 किसान नेताओं के साथ एक बैठक की और सरकार की मंशा से वाकिफ करा दिया कि किसी भी कीमत पर कानून वापस नहीं होंगे। हालांकि सरकार किसानों को आज एक लिखित प्रस्तावना दे सकती है, जिसमें संसोधन की बात होगी।

कल किसान संगठनों ने इसी के खिलाफ भारत बंदा का आह्वान किया था, जिसमें कई राजनीतिक दलों ने भी साथ दिया था। भारत बंद के बाद आज किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता होने वाली थी, जिसे फिलहाल टाल दिया गया है। इस बीच आज शाम कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष के पांच नेता, जिनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल हैं, आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।

Input: Live Hindustan

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