प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी दमयंती बेन मोदी से एलजी हाउस के पास शनिवार सुबह पर्स छीनने वाले दोनों आरोपियों को पुलिस ने अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से पूरा सामान भी बरामद कर लिया है। यह मामला महज दो दिनों के भीतर पूरी तरह से सुलझ गया और आरोपी शिकंजे में आ गए। सूत्रों के मुताबिक इस हाईप्रोफाइल केस को सुलझाने में 700 पुलिसकर्मी लगे थे। स्नैचरों की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिली थी।
उनके रूट मैप को चेक करने के लिए पुलिस ने 200 CCTV की फुटेज खंगाली। इस तरह पुलिस हरियाणा के सोनीपत पहुंची और वारदात खुली। गिरफ्तार आरोपियों में सदर बाजार निवासी गौरव (21) है, जो सोनीपत में रिश्तेदार के यहां छिपा था। उसने स्नैचिंग में इस्तेमाल स्कूटी सुल्तानपुरी में मौसी के यहां रखी थी। दूसरे आरोपी बादल उर्फ आकाश (22) को सुल्तानपुरी से पकड़ा गया। इसके पास से दमयंती बेन की घड़ी और छिनैती में गए दस्तावेज बरामद हुए हैं।
इस घटना के बहाने दिल्ली में राजनीति भी शुरू हो गई है। बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने स्नैचिंग के लिए घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराया तो सीएम अरविंद केजरीवाल ने जवाब देते हुए कहा है कि दोषी बाहरी हो या अंदरूनी, सबको सजा मिलनी चाहिए।
आम लोग बोले, हमारा नंबर कब आएगा
पीएम की भतीजी संग स्नैचिंग के मामले में पुलिस की तेजी को देखते हुए अब आम लोग अपने मामलों का जिक्र कर रहे हैं। आम लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने मामलों का जिक्र करते हुए दिल्ली पुलिस से पूछा कि उनके केस कब सॉल्व होंगे। पिछले महीने कनॉट प्लेस इलाके में बदमाशों ने एक दंपती से गन पॉइंट पर लूट की थी।
इस कपल ने लिखा कि हमारे मामले में पुलिस को 24 दिन बाद भी अपराधियों का सुराग नहीं मिला, जबकि पीएम की भतीजी से स्नैचिंग में आरोपी 24 घंटे में अरेस्ट हो गया। शम्मी भूषण ने लिखा कि मेरा फोन 29 सितंबर को छीना गया था। सीसीटीवी फुटेज से कुछ संदिग्धों की पहचान हुई। फोन की लास्ट लोकेशन भी पता चली, लेकिन इससे आगे केस नहीं बढ़ा।
Input : Navbharat Times
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