अहमदाबाद. हवा से पानी (Water from air) निकालने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विचार को साकार करने की दिशा में काफी सकारात्मक परिणाम मिले हैं .गुजरात की बनास डेयरी की ओर से एक प्रोजेक्ट लगाया गया है, जो हवा से शुद्ध पानी अलग करने का काम कर रहा है. दरअसल पीएम मोदी ने एनर्जी सेक्टर में काम करती डेनमार्क की नामी कंपनी वेस्तास के सीईओ हेनरिक एंडरसन से हाल ही में हुई बातचीत में इस दिशा में काम करने की गुजारिश की थी.
अपने दूध उत्पादकों को तीन गुना बोनस देने से खूब चर्चा में आई गुजरात की बनास डेयरी दूध उत्पादन में तो एशिया में अव्वल है ही, लेकिन इस बार पीएम मोदी के एक और विचार को सच करने की दिशा में डेयरी ने नेतृत्व का काम किया है.
पीएम का विचार था कि ‘हवा से पानी को अलग करके पानी की समस्या का समाधान हो सकता है.’ पीएम के विचार को अमलीजामा पहनाने की डेयरी ने ठानी और काम शुरू हुआ .सोलर पावर की मदद से हवा से भाप अलग करके उसमें से पानी बनाने की दिशा में सफलतापूर्वक काम हो रहा है.
पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में होगा मददगार!
फिलहाल एक पायलट प्रोजेक्ट लगाया गया है, जिसमें रोजाना 120 लीटर पीने का शुद्ध पानी बनाया जा रहा है. शंकर चौधरी इस बारे में कहते हैं, ‘सीमावर्ती इलाकों में यह प्रयास काफी मददगार साबित होगा जहां पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है.’
बता दें कि गुजरात के सीमावर्ती रण प्रदेश में पीने के शुद्ध पानी की बड़ी किल्लत रहती है. इस पायलट प्रोजेक्ट में थोड़े और तकनीकी सुधार के साथ बड़े स्तर पर लागू किया जाए तो पानी की समस्या का समाधान जरूर हो सकता है .पाटन के चारणका में 790 मेगावॉट का देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है उसके आसपास इस तरह के प्रोजेक्ट को लगाया जाए तो कितनी सफलता मिल सकती है जिस पर विचार हो रहा है.
Source : News18