नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronovirus) ने दुनिया भर में कहर मचा रखा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को कोविड-19 को लेकर देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले 2 महीने से हम लगातार दुनिया से आ रही चिंताजनक खबरें देख रहे हैं. ऐसे में इस रविवार यानि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करना होगा’. पीएम ने कहा, ‘रविवार को शाम पांच बजे सभी लोगों को अपने घरों से सायरन बजाकर सेवा करने वाले लोगों को धन्यवाद देना चाहिए.’

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पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि 22 मार्च रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर ताली बजाकर, बर्तन बजाकर, घंटी बजाकर या सायरन बजाकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं. ‘सेवा परमो धर्म:’ के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे.

22 मार्च रहेगा ‘जनता कर्फ्यू’

पीएम मोदी ने कहा, ’22 मार्च को रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक लोग जनता कर्फ्यू का पालन करें और अपने घरों से बाहर नहीं निकलें. संकट के इस समय में आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे अस्पतालों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं उतना बचें.’

खाने-पीने के सामान की नहीं होगी कमी- पीएम

उन्होंने कहा, ‘मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. ये सप्लाई कभी रोकी नहीं जाएगी. देशवासी जरूरी सामान संग्रह करने की होड़ न लगाएं. पीएम मोदी ने कहा कि
संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें.

‘दफ्तर न आने वाले लोगों का काटा जाए वेतन’

पीएम मोदी ने कहा कि हो सकता है आने वाले दिनों में ये लोग दफ्तर न आ पाएं, आपके घर न आ पाएं. ऐसे में उनका वेतन न काटे, पूरी मानवीयता और संवेदनशीलता के साथ फैसला लें. हमेशा याद रखिएगा कि उन्हें भी अपना परिवार चलाना है, परिवार को बीमारी से बचाना है.

Input : News18

 

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