इस स्कीम का फ़ायदा लैपटॉप, टैबलेट्स, ऑल इन वन टेबल कम्प्यूटर और सर्वर बनाने वाली कम्पनियों को मिलेगा. स्कीम को 2025 तक के लिए मंज़ूरी दी गई है और इसमें क़रीब 7,350 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.

हार्डवेयर सेक्टर में पीएलआई यानि Productivity Linked Incentive स्कीम को मंज़ूरी दे दी. टेलिकॉम और मोबाइल सेक्टर के बाद आईटी हार्डवेयर तीसरा ऐसा क्षेत्र है जिसमें पीएलआई स्कीम को मंज़ूरी मिली है.

इस स्कीम का फ़ायदा लैपटॉप, टैबलेट्स, ऑल इन वन टेबल कम्प्यूटर और सर्वर बनाने वाली कम्पनियों को मिलेगा. स्कीम को 2025 तक के लिए मंज़ूरी दी गई है और इसमें क़रीब 7,350 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.

पीएलआई स्कीम का फ़ायदा उन कम्पनियों को मिलेगा जो भारत में ही अपना माल बनाएंगी. दूसरे शब्दों में ये कहा जा सकता है कि भारत में ही उत्पादन करने वाली कम्पनियों को ही इस स्कीम का लाभ मिल सकेगा. स्कीम के तहत कम्पनियों को टैक्स में छूट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंज़ूर हुए इस स्कीम से 5 सरकार के इस स्कीम से 5 बड़ी विदेशी और 10 बड़ी देशी कम्पनियों को फ़ायदा होने का अनुमान लगाया गया है. साथ ही , इस स्कीम से मोदी सरकार को नए रोज़गार के अवसर पैदा होने की भी उम्मीद है. आईटी और टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक़ स्किम से 1,80,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार मिलने की संभावना है.

Source : ABP News

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