जब बिहार के लोग राज्य से बाहर खुद को बिहारी कहने में शर्माया करते थे, पद्मश्री मृदुला सिन्हा गर्व से कहती थीं कि वे बिहारी हैं। देश-विदेश के मंचों पर वे बिहारी रीति-रिवाज व लोक संस्कृति की चर्चा करते हुए और गीत गाते हुए राज्य की ब्रांड एबेंसडर बन जाती थीं। वर्षों तक उनके करीब रहीं डॉ. तारण राय याद करती हैं कि महाराष्ट्र में गोपीनाथ मुंडे के फॉर्म हाउस में भाजपा महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा था। महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से मृदुला सिन्हा अधिवेशन की सिरमौर थीं और किसी भी सत्र में बिहार के प्रेरक प्रसंग की चर्चा से नहीं चूकती थीं। मोर्चा की तत्कालीन राष्ट्रीय मंत्री डॉ. तारण राय बताती हैं कि अधिवेशन में एक सत्र भोजन का था। मृदुला सिन्हा ने दही-चूड़ा और सत्तू की चर्चा करते हुए कहा कि ये ‘बिहारी फास्ट फूड’ तो पूरी दुनिया से अलग हैं। अधिवेशन में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री जयवंती बेन मेहता जब एक बार मुजफ्फरपुर पहुंचीं तो बिहारी फास्ट फूड मांग कर खाया।
राज्य के पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा को मृदुला सिन्हा से ऐसी कोई मुलाकात याद नहीं है, जब उनके हाथ में या बगल में कलम, कॉपी और किताब नहीं रही हो। कागज, कलम, किताब थामे आजीवन कर्मपथ पर चलती रहीं। उनकी लेखनी में और गीतों में बिहार की मिट्टी की खुशबू होती थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रामकृपाल सिन्हा से जब मृदुला सिन्हा की शादी हुई तो दोनों ने शहर के रसुलपुर जिलानी में किराये के मकान में जिंदगानी शुरू की। वहीं पर मशहूर साहित्यकार रामबृक्ष बेनीपुरी की पुत्री डॉ. प्रभा बेनीपुरी से उनका ननद-भौजाई का रिश्ता प्रगाढ़ हुआ। प्रभा बेनीपुरी के पुत्र डॉ. राजीव रंजन दास बताते हैं कि तब निर्बाध आवाजाही के लिए उनके घर की पिछली चहारदीवारी तोड़नी पड़ी थी। वे रिश्तों के बीच कोई दीवार नहीं रखती थीं।
डा.मृदुला सिन्हा को पसंद था बिहारी फास्ट फूड
गोवा की राज्यपाल पदमश्री डा.मृदुला सिन्हा की बचपन से लेकर राज्यपाल बनने तक की कई यादों का गवाह मुजफ्फरपुर रहा है। यहां उनका बचपन बीता और जब तक जीवित रहीं इस माटी की चिंता की। उनकी सहयोगी रहीं भाजपा की वरीय नेता प्रो.तारण राय कहती हैं कि देश में कहीं भी सभा हो वह अपनी माटी की चर्चा करने से नहीं चूकती थीं। 2001 की बात है। मुंबई में भाजपा महिला मोर्चा का राष्ट्रीय प्रशिक्षण वर्ग चल रहा था। उसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे समेत देश के तमाम महत्वपूर्ण लोग शामिल थे। वहां पर कई तरह के व्यंजनों की व्यवस्था थी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि सबसे बेहतर बिहारी फास्ट फूड चूड़ा, दही और सत्तू। इससे न सेहत खराब होगी और न स्वाद। उसके बाद पूरे हाल में जबरदस्त तालियों की आवाज गूंजी और सभी हंसने लगे। उनके भाषण के बाद यह हाल हुआ कि बिहार के बाहर के कोई नेता उनसे दिल्ली में मिलने आते तो बिहारी फास्ट फूड मांगते और उसका सेवन करते। वह खुद अपने घर पर या राजभवन या फिर देश के दौरे पर रहतीं तो सुबह में चूड़ा व दही का सेवन जरूर करती थीं। एक बार लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र से संबंध रखने वाली केंद्रीय मंत्री जयंती बेन मेहता यहां आईं तो फास्ट फूड की चर्चा की। उसका सेवन किया और डगरा, चूड़ा-दही यहां से सौगात लेकर गईं।
भाजपा में लाने में रहा योगदान
पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि भाजपा में लाने में वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र के साथ डा.मृदुला सिन्हा का योगदान है। वह भुला नहीं सकते। डा.सिन्हा ने यह कहकर प्रेरित किया था कि आपकी माता विद्यावती शर्मा जनसंघ से चुनाव लड़ी हैं इसलिए आप भाजपा की सेवा करें। राज्यपाल बनने पर यहां पर नौ लोगों को नवरत्न बनाया उसका उन्हें संयोजक बनाया। गोवा राजभवन में सबको बुलाकर सेवा-सत्कार व अभिनंदन किया। अब तो उनकी यादें ही शेष हैं।
राज्यपाल हूं बाकी मेरा सांसद अजय निषाद
सांसद अजय निषाद उनकी बात को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं। कहते हंै कि मुजफ्फरपुर हो या दिल्ली, वह जहां मिलतीं एक माता की तरह प्यार व मागदर्शन देती थीं। नेताओं के बीच यह कहती थीं कि मैं गोवा की राज्यपाल हूं बाकी मेरा सांसद अजय निषाद है। क्षेत्र के विकास को लेकर बातचीत व सलाह देती रहती थीं।
Input : Hindustan & Dainik Jagran
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