14 साल की छोटी उम्र में बड़े सपनों को लेकर गांव से निकल शहर आकर पढ़ने की हिम्मत जुटाई। हर दिन साइकिल से कई किमी की दूरी तय करती इस बेटी की हिम्मत पर शोहदों की गलत नजर भारी पड़ी। गांव के सुनसान रास्ते पर ताड़ी पीते शोहदों का आ’तंक हर दिन बढ़ता गया और इसके साथ टूटता गया बेटी का हौसला। थाने में शिकायत की, पर कोई करवाई नहीं हुई। गांव वालों ने कहा, अरे क्या जरूरत है बेटी को इतनी दूर भेजने की। अंतत: बेटी को ही पढ़ाई बंद करने का फरमान सुना दिया।

मुशहरी के पीर मोहम्मदपुर गांव की यह बेटी अकेली नहीं है, जिसे शोहदों के आतंक की वजह से अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी। महिला सामाजिक संगठनों के आंकड़ों के अनुसार, जिले के अलग-अलग इलाकों में पिछले एक साल में बड़ी संख्या में इस तरह के मामले आए हैं। राह चलते छेड़खानी, स्कूल कॉलेज आने-जाने के दौरान बदतमीजी। आतंक और डर ऐसा कि सजा शोहदों की बजाय बेटियों को ही भुगतनी पड़ रही है। कमाल यह कि हिम्मत जुटा यदि बेटियों ने शिकायत भी की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस, पंचायत सभी देख लेंगे, कहकर इतिश्री कर लेते हैं।

केस 1

सामाजिक कार्यकर्ता पूनम कुमारी बताती हैं कि औराई के एक गांव में 15 साल की बच्ची के साथ शोहदों ने छेड़खानी की। शिकायत की गई तो दबंग उसके घर पहुंच धमकाने लगे। ज्योति महिला समाख्या की टीम को उस बेटी की सुरक्षा को लेकर कई बार गांव जाना पड़ा। अभिभावकों ने डर के कारण उस बेटी की पढ़ाई छुड़ा आनन-फानन में शादी कर दी। दो साल में पीर मोहम्मदपुर व आसपास के इलाके में 20 से अधिक बेटियों के साथ इस तरह का वाक्या हो चुका है। स्थिति यह है कि पुलिस उन इलाकों में ताड़ी के अड्डों और वहां जमे शोहदों पर कोई कार्रवाई नहीं करती।

केस 2

सामाजिक कार्यकर्ता वंदना शर्मा कहती हैं कि एक साल में 35 से अधिक ऐसे मामले आए हैं। अभी तीन महीने पहले मड़वन के खरौना में 13 साल की बच्ची के साथ घटना हुई। स्कूल आने-जाने के दौरान शोहदे बदतमीजी करते थे। पंचायत बैठी और फरमान कि उसके साथ शादी कर दो। लड़की ने विरोध किया तो पढ़ाई छुड़ाने का फरमान
सुनाया गया।

हिम्मत जुटा शिकायत की तो चरित्र पर उठी उंगली
वंदना शर्मा व डॉ. सांत्वना भारती कहती हैं कि अधिकांश मामलों में अभिभावक बेटियों की पढ़ाई छुड़ाना ही इसकी राह निकालते हैं। इसका कारण यह कि अगर हिम्मत जुटा पुलिस के पास पहुंचते भी है तो सवाल उन पर ही उठता है। मसलन और भी तो लड़के-लड़कियां हैं…उनके साथ नहीं हुआ.. तुम्हारे साथ क्यों..जैसे सवाल। कई बार जब हम शिकायत करते हैं तो लड़की के परिवार वालों को धमकी मिलने लगती है।

Input : Live Hindustan

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