वर्ष 2020 कोरोना और लॉकडाउन के लिए सदियों तक याद रखा जाएगा। लेकिन, मुजफ्फरपुर के लोग कोरोना की परेशानियों के साथ-साथ जलजमाव को भी वर्षों तक बुरे रूप में ही सही लेकिन, याद जरूर रखेंगे। इस दंश को पूरे शहर ने एक साथ महसूस किया। किंतु, पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा को इस जलजमाव ने ज्यादा गहरा जख्म दिया है। यह बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में हार का जख्म है।
यूं तो चुनाव संपन्न हुए तीन माह से भी अधिक का वक्त गुजर गया है लेकिन, चाहे-अनचाहे जलजमाव पूर्व मंत्री के जख्म को हरा करता रहता है। बुधवार को जलजमाव को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जब वे आयोजन के आरंभ में ही प्रशासनिक अधिकारियों पर नाराज होने गए। हालांकि बाद में उपमुख्यमंत्री और नगर विकास विभाग का प्रभार देख रहे तारकिशोर प्रसाद ने मामले को शांत कराया।लेकिन, इंटरनेट मीडिया पर यह चीजें ट्रेंड कर रही हैं।
दरअसल, नगर विकास विभाग ने मानसून आरंभ होने से पहले शहर को जलजमाव की परेशानी से मुक्त करने के लिए बुधवार को एक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया था। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पूर्व से तय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। इस बैठक में शामिल होने से पहले उपमुख्यमंत्री कांटी के प्रथम विधायक की प्रतिमा का अनावरण करने गए थे। उस समय उनके साथ पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा व कुढ़नी के पूर्व विधायक केदार गुप्ता भी थे। जब तारकिशोर प्रसाद इस बैठक के लिए पहुंचे तो उनके साथ ये दोनों पूर्व विधायक भी मंच पर पहुंच गए। इसलिए थोड़ी अव्यवस्था की स्थिति बनी। उन्हें पीछे बैठने के लिए कहा गया। जिससे पूर्व मंत्री नाराज हो गए। हालांकि उपमुख्यमंत्री ने स्थिति को संभालते हुए उन्हें अपने साथ बैठा लिया।
आगे उन्होंने कहा कि यमुना प्रसाद त्रिपाठी ने इस क्षेत्र और मुज़फ़्फ़रपुर की विकास के लिए जो सपना देखा था उसको हम और हमारी सरकार साथ ही सहयोगी की मदद से हम सब मिलकर बिहार की विकास में बेहतर करेंगे.
Input: Dainik Jagran