राज्य के पूर्व मंत्री अजित कुमार ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जिले में कोरोना वायरस व बच्चों को होने वाले एईएस जैसे जानलेवा बीमारी के रोकथाम के लिए अपना कांटी स्थित निजी कार्यालय को अस्थाई अस्पताल के रूप में उपयोग करने की पेशकश की है। उन्होंने डीएम को लिखे पत्र में कहा है कि कांटी वार्ड नंबर 3 स्थित उनका छह कमरे एवं एक बड़ा हॉलयुक्त निजी कार्यालय है। एक बड़ा कैंपस भी है।

पीड़ित मानवता की सेवा

उन्होंने कहा कि विपदा की घड़ी में मैं इस मकान को निशुल्क अस्थाई अस्पताल के रूप में खोलकर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए देने को तैयार हूं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि जिला प्रशासन इसे आइसीयू अथवा आइसोलेशन वार्ड के रूप में प्रयोग कर सकता है। उन्होंने कहा है कि जैसे ही जिला प्रशासन मुझे सूचित करेगा, मैं यह मकान उनके हवाले कर दूंगा। ताकि कांटी मड़वन क्षेत्र के लोगों को कोरोना वायरस एवं बच्चों को होने वाले एईएस जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज स्थानीय स्तर पर ही संभव हो सकेगा। विदित हो कि यह मकान कांटी एनएच 28 दक्षिणी लेन में अवस्थित है।

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