17 सितंबर, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 70वाँ जन्मदिन है. इस मौके पर भारत में रात 12 बजे से ही #HappyBdayNaMo, #PrimeMinister #NarendraModiBirthday और #NarendraModi सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा है. लेकिन इसी के साथ एक और हैशटैग है जो ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में शामिल है: #NationalUnemploymentDay या #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस.
लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस क्यों ट्रेंड कर रहा है? दरअसल, ये भारतीय युवाओं, ख़ासकर भारतीय छात्रों के विरोध और माँगों का नतीजा है.
You can sum up the achievements of a PM whose birthday is being celebrated as National unemployment day.#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस #Remember17Sept #NationalUnemploymentDay pic.twitter.com/rlEOK0SgWq
— Dr Gaurav Garg (@DrGauravGarg4) September 17, 2020
कोरोना महामारी के दौर में भारत की अर्थव्यवस्था भारी संकट का सामना कर रही है.
बेरोज़गारी की मार, युवा बेहाल
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अनुसार इस साल अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी में 23.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी, जो पिछले 40 वर्षों में सबसे भारी गिरावट है.
इतना ही नहीं, सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के आँकड़ों के अनुसार छह सितंबर वाले सप्ताह में भारत की शहरी बेरोज़गारी दर 8.32 फ़ीसदी के स्तर पर चली गई.
Proud of all of you.
We are trending at #2 and #3.
Let's bring it to #1#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस #Remember17Sept #NationalUnemploymentDay pic.twitter.com/H95iI6Hpcn— Dr Gaurav Garg (@DrGauravGarg4) September 17, 2020
लॉकडाउन और आर्थिक सुस्ती की वजह से लाखों लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है और बड़ी संख्या में लोगों का रोज़गार ठप हो गया है.
सेंटर फ़ॉर इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आकड़ों के मुताबिक़, लॉकडाउन लगने के एक महीने के बाद से क़रीब 12 करोड़ लोग अपने काम से हाथ गंवा चुके हैं. अधिकतर लोग असंगठित और ग्रामीण क्षेत्र से हैं.
सीएमआईई के आकलन के मुताबिक़, वेतन पर काम करने वाले संगठित क्षेत्र में 1.9 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां लॉकडाउन के दौरान खोई हैं.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और एशियन डेवलपमेंट बैंक की एक अन्य रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है कि 30 की उम्र के नीचे के क़रीब चालीस लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नौकरियाँ महामारी की वजह से गंवाई हैं. 15 से 24 साल के लोगों पर सबसे अधिक असर पड़ा है.
https://twitter.com/Komal_433/status/1306450957149110273
छात्रों की बढ़ती नाराज़गी
आर्थिक सुस्ती और बेरोज़गारी की ऊंची दर के बीच भारतीय युवा सरकार के प्रति अपनी नाराज़गी लगातार ज़ाहिर कर रहे हैं. इस नाराज़गी का असर भारतीय सोशल मीडिया में, ख़ासकर ट्विटर पर साफ़ देखने को मिल रहा है.
पिछले कुछ हफ़्तों से भारतीय छात्रों और युवाओं ने सरकार के ख़िलाफ़ अपनी मुहिम सोशल मीडिया पर तेज़ कर दी है. बेरोज़गारी के साथ-साथ छात्र एसएससी जैसी परीक्षाएँ तय समय पर न होने और नौकरियों के लिए तय समय पर नियुक्ति न होने से भी ख़फ़ा हैं.
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की मांग है कि जो वैकेंसी निकाली जाए उनकी परीक्षाएं जल्द हों और उनके परिणाम जल्दी आएं. इसके अलावा कई संस्थानों में बेतहाशा फ़ीस वृद्धि से परेशान छात्र भी सरकार से सुनवाई की गुहार लगा रहे हैं.
इससे पहले नौ सितंबर को देश के अलग-अलग हिस्सों में युवाओं ने रात नौ बजकर नौ मिनट पर टॉर्च, मोबाइल फ़्लैश और दिए जलाकर सांकेतिक रूप से अपना विरोध ज़ाहिर किया था.
Job opportunities under Modi government pic.twitter.com/fkISXFCYna
— Ajatshatru (@iAkg_007) September 15, 2020
इसी मुहिम को आगे बढ़ते हुए अब कई युवा और छात्र संगठन 17 सितंबर यानी प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस ट्रेंड कराकर सांकेतिक रूप से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. युवाओं की इस मुहिम को कई विपक्षी दलों और अलग-अलग संगठनों का समर्थन भी हासिल है.
इस दौरान युवा छात्र #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस और #NationalUnemploymentDay हैशटैग के साथ अपनी माँगें सरकार के सामने रख रहे हैं.
Marketing can project you as God.
But this time marketing and headlines management won't help you.
The youth refuse to be fooled anymore.#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस #Remember17Sept #NationalUnemploymentDay— Dr Gaurav Garg (@DrGauravGarg4) September 17, 2020
सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई तरह के मीम्स और अलग-अलग पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं.कई छात्रों ने ट्विटर हैंडल पर अपने नाम के आगे ‘बेरोज़गार’ शब्द भी जोड़ लिया है.हंसराज मीणा ने ट्वीट किया है: मोदी जी, युवाओं के भविष्य के साथ मत खेलिए.
63% Graduates unemployed under Modi’s Regime !
#NationalUnemploymentDay#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस @Aashuto40179988 @PMOIndia @narendramodi pic.twitter.com/LSIsWwzFxQ
— आशुतोष मौर्य (@Aashuto40179988) September 16, 2020
एक ट्विटर यूज़र ने भोजपुरी में लिखा है: SSC भुलाय ग़यिल बा, की आज CGL 220 का नोटिसवा निकाले का रहा. कोई बतावा उनका , नाही SSC सोयिते रहिल.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात और बीजेपी के कई वीडियोज़ को को यूट्यूब पर भारी संख्या में डिसलाइक्स मिलने के पीछे भी छात्रों के ग़ुस्से को कारण बताया जा रहा था.
SSC भुलाय ग़यिल बा, की आज CGL २०२० का नोटिसवा निकाले का रहा, कोई बतावा उनका , नाही SSC सोयिते रहिल
#speakup #SpeakUpForCGL2020
भोजपुरी में tweet का प्रयास ग़लत हो तो माफ़ करें— RaMo (@RaMoSirOfficial) September 15, 2020
हालाँकि पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसके लिए काँग्रेस की साज़िश और तुर्की के बोट्स को ज़िम्मेदार ठहराया था.