पटना हाइकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद बिहार में 90 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की कवायद नीतीश सरकार ने तेज कर दी है. अंतिम मेरिट सूची प्रकाशन (10 जनवरी 2021) का शेड्यूल जारी होने के बाद अब शिक्षा विभाग काउंसेलिंग के लिए रणनीति बना रहा है. नियुक्ति की आस में बैठे हजारों अभ्यर्थियों को बिहार पंचायत चुनाव को लेकर टेंशन है. ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में प्रारंभिक शिक्षक नियोजन की जो गति है उससे अब यह लगने लगा है कि नियोजन की प्रक्रिया पंचायत चुनाव में फंस जाएगी.

बिहार में पंचायत चुनाव अगले साल मार्च-मई में हो सकता है. ऐसे में चुनाव की घोषणा के पहले अगर नियुक्ति नहीं हुई, तो ये 2021 के अंत तक खिंच सकती है. शिक्षक अभ्यर्थियों को इसी बात की चिंता है और वे लगातार मांग कर रहे हैं कि बहाली प्रक्रिया में तेजी लायी जाए. इसे लेकर शिक्षक अभ्यर्थी लगातार अपने-अपने जिले में संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंप रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्राथमिक शिक्षक निदेशक रणजीत कुमार सिंह ने कहा है कि हम चाहते हैं कि पंचायत चुनाव से पहले प्राथमिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति पत्र अभ्यर्थियों को दे दिया जाए. इसके लिए जिला पदाधिकारियों और शिक्षा अधीक्षकों को पत्र लिखा गया है.

बता दें कि 15 दिसंबर को प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन को पटना हाइकोर्ट की हरी झंडी मिली है. कोर्ट ने आदेश दिया कि जल्द-से-जल्द शिक्षक नियोजन प्रक्रिया पूरी कर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांट दिये जाएं. कई कारणों की वजह से ये बहाली प्रक्रिया अधर में लटकी रही.

बिहार में अगले साल पंचायत चुनाव मई-जून में हो सकता है और इसकी प्रक्रिया काफी पहले से ही शुरू हो जाएगी. शिक्षक नियोजन में पंचायत सचिव सहित मुखिया की बड़ी भूमिका होती है इसलिए नियोजन प्रक्रिया में देर होने की पूरी आशंका है. अगर पंचायत चुनाव की वजह से नियोजन प्रक्रिया पूरी होने में देर हुई तो आगे एक-डेढ़ साल की देर हो सकती है. सब कुछ समय से हुआ भी तो मार्च से पहले नियोजन प्रक्रिया पूरी करके नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही.

शिक्षा विभाग फूंक-फूंक कर उठा रहा कदम

शिक्षा विभाग 90 हजार से अधिक प्राथमिक प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन के मामले में अब फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है.अंतिम मेरिट सूची प्रकाशन का शेड्यूल जारी होने के बाद अब वह काउंसेलिंग के लिए रणनीति बना रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस बार काउंसेलिंग कैंप के जरिये करायी जा सकती है.अभ्यर्थियों को इसके लिए एक ही दिन का मौका दिया जायेगा. सभी जगह काउंसेलिंग एक साथ करायी जायेगी.

इससे कम अंक वालों को भी भाग लेने का अवसर मिल सकेगा. नियोजन से जुड़े जानकारों के मुताबिक ऐसा करने के पीछे की मंशा यह बतायी जा रही है कि 90,700 से अधिक पदों पर अधिक-से-अधिक लोगों को नियुक्तियां दी जा सकें. सामान्य तौर पर एक से कई दिन तक काउंसेलिंग कराने से अधिकतम अंक वाला एक ही अभ्यर्थी का चयन कई जगहों पर हो जाता है.

इससे कई ऐसे अभ्यर्थी छंट जाते हैं, जो बहुत कम अंक से पीछे छूट जाते हैं. हालांकि, इसके बाद प्रतीक्षा सूची जारी करनी पड़ती है. कुल मिलाकर अधिक-से-अधिक व्यक्तियों को काउंसेलिंग में मौका मिले, लिहाजा इस तरह की काउंसेलिंग करायी जा सकती है. हालांकि, इस संबंध में अब तक कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है.

Input: Prabhat Khabar

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