बीजेपी ने लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान को इशारों ही इशारों में चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें एनडीए में रहना है तो फिर उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करना ही पड़ेगा.
बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मंगलवार को केवल 2 मिनट की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिस दौरान उन्होंने पहले से तैयार एक वक्तव्य मीडिया के सामने पढ़ा और बिना किसी सवाल का जवाब दिए निकल गए.
संजय जायसवाल ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार एनडीए के नेता नीतीश कुमार है और एनडीए गठबंधन में वही रहेंगे जिन्हें उनका नेतृत्व स्वीकार हो.
संजय जायसवाल ने कहा, “बिहार एनडीए के नेता नीतीश कुमार हैं. एनडीए गठबंधन में सभी फैसले नीतीश कुमार के नेतृत्व में हो रहे हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व को बीजेपी बिहार में पूरी तरीके से स्वीकार करती है. एनडीए गठबंधन में वही रहेंगे जो नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं और उन्हीं के नेतृत्व में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी प्रयास करेगी. नीतीश कुमार तीन चौथाई बहुमत के साथ फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे.”
चिराग से मूक सहमति जताने वाली बीजेपी अचानक आक्रामक क्यों?
चिराग पासवान के एनडीए से अलग होकर बिहार में चुनाव लड़ने के फैसले पर मूक सहमति जताने वाली बीजेपी आखिरकार क्यों चिराग पासवान को लेकर इतनी आक्रमक हो गई कि उन्हें एनडीए से बाहर निकालने की भी धमकी तक दे डाली, यह बड़ा सवाल है ?
बीजेपी नेताओं के सामने मुश्किल स्थिति
बीजेपी के इस आक्रामक तेवर के पीछे की कहानी कुछ इस तरह है. दरअसल मंगलवार को एनडीए नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी जहां पर सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक ऐलान होना था. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, महासचिव भूपेंद्र यादव मंगलवार को पटना पहुंचे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने से नीतीश ने कर दिया इनकार
यह दोनों नेता मुख्यमंत्री आवास पर जाकर नीतीश कुमार से मुलाकात की और प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का आग्रह भी किया मगर नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने से इनकार कर दिया. इससे बीजेपी नेताओं के सामने अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई.
बिहार सीएम नीतीश कुमार बीजेपी से लोक जनशक्ति पार्टी के स्टैंड को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर दी. नीतीश कुमार ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी का बिहार में अकेले चुनाव लड़ने को लेकर कन्फ्यूजन है और बीजेपी को इसे दूर करना चाहिए.
दबाव में आ गए बीजेपी नेता
नीतीश कुमार की इसी कड़े रुख को देख बीजेपी दबाव में आ गई और फिर आनन-फानन में संजय जयसवाल ने बीजेपी कार्यालय में मीडियाकर्मियों को बुलाकर चार लाइन का एक वक्तव्य पढ़ दिया जहां पर उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जिन्हें नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार नहीं है उनके लिए एनडीए में कोई जगह नहीं है.
नीतीश स्वीकार, तभी एनडीए में बरकरार-बीजेपी
बीजेपी की तरफ से जारी इस बयान के बाद नीतीश कुमार साझा प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए तैयार हुए. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी बीजेपी नेता संजय जायसवाल और सुशील मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि बिहार एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही हैं और इसमें किसी तरह की कोई शंका नहीं है.
Input: Aaj Tak