MUZAFFARPUR : प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड में सीआईडी के इंस्पेक्टर अशोक कुमार झा गुरुवार को केस का चार्ज लेंगे। इसके बाद वह आशुतोष की पत्नी दीपांदिता का फिर से बयान लेंगे। उसके बयान से कई खुलासे की उम्मीद है। एफआईआर में दीपांदिता ने राजनीतिक पहुंच वाले व्यक्तियों की साजिश के बिंदू पर बहुत कुछ नहीं बताया है। अब हत्या के 12 दिनों बाद कई तरह की जानकारी दीपांदिता तक पहुंची है। पुन बयान में वह इस बारे में विस्तार से सीआईडी को बताएंगी।

केस के आईओ इंस्पेक्टर अशोक झा दस साल सीबीआई और चार साल ईओयू में सेवा दे चुके हैं। बीते एक सप्ताह से वह शहर में रहकर हत्याकांड में गोपनीय ढंग से जानकारियां जुटा रहे हैं। मंटू शर्मा और गोविंद से संबंध रखने वाले प्रॉपर्टी डीलर सीआईडी की जांच के रडार पर हैं।

हाल में किस प्लॉट पर गोविंद व मंटू शर्मा गैंग के भूमि कारोबारियों ने दबिश डाली, इसकी जानकारी भी ली है। अलग-अलग थानों और स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों से भी जानकारी जुटाई है। आशुतोष की हत्या के बाद शहर से अचानक अंडरग्राउंड हुए उसके सिंडिकेट से जुड़े रहे प्रॉपर्टी डीलर पर भी सीआईडी की नजर है। इंस्पेक्टर झा के अलावा कई अन्य सीआईडी के अधिकारी शहर में अपने सूत्र व जानकारों से मामले में जानकारी ले रहे हैं। सीआईडी एसपी संजय कुमार सिंह लंबे समय तक मुजफ्फरपुर में रेल एसपी रहे हैं। उन्हें भी यहां के बारे में बहुत कुछ पहले से पता है। एसटीएफ के डीएसपी नरेश कुमार भी लंबे समय तक जिले में रहे हैं। वह भी सीआईडी को सहयोग कर रहे हैं।

गोविंद और ओंकार का परिवार अंडरग्राउंड

आशुतोष की हत्या से पहले ही गोविंद और ओंकार ने अपने बीवी व बच्चों को अंडरग्राउंड कर दिया था। उनके परिवार कहां हो सकते हैं, इसका सुराग भी बिहार एसटीएफ ढूंढ़ रही है। पूर्व मेयर समीर हत्याकांड में बिहार एसटीएफ ने आरोपितों के परिवार पर दबिश डाला था। इसके बाद गोविंद और अन्य मुख्य आरोपितों ने सरेंडर कर दिया था। आशुतोष हत्याकांड में पहले ही मुख्य आरोपितों ने परिवार को गुप्त ठिकानों पर पहुंचा दिया।

एफएसएल नहीं भेजा जा सका सीलबंद प्रदर्श

गन्नीपुर से लौटाकर लाए गए प्रदर्शों को बुधवार को काठ के बक्से में सील कर दोबारा एफएसएल नहीं ले जाया जा सका। प्रदर्श भेजने में विलंब के कारण इसकी जांच रिपोर्ट मिलने में भी देरी होगी। जब्त खोखे व गोलियों की बैलेस्टिक जांच से इसके हथियार के संबंध में जानकारी मिलेगी। हथियार के आधार पर शूटर तक पहुंचने का सुराग भी मिल सकता है। अब गुरुवार को प्रदर्शों को भेजे जाने की संभावना है।

मंटू के ठिकानों की तलाश

आरोपित मंटू शर्मा के दिल्ली व मुम्बई के ठिकानों के संबंध में बिहार एसटीएफ की टीम जानकारी जुटा रही है। डीजीपी के मुजफ्फरपुर आगमन को लेकर बिहार एसटीएफ की ओर से बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

Source : Hindustan

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