आज से पितृपक्ष का शुभारंभ हुआ है. प्रतिपदा के साथ ही इस वर्ष 16 दिन नहीं, बल्कि 17 दिन का पिंडदान किया जा सकेगा.फल्गु नदी के किनारे लोगों द्वारा पूर्वजों को याद करके तर्पण करते देखा गया है।
गया के प्रसिद्ध नदी फल्गु नदी मे पूर्वजों के प्रति समर्पण व श्रद्धा व्यक्त करने का का काम किया गया। पितृपक्ष के दौरान धार्मिक और मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
अभी नहीं करना है मांगलिक कार्य
ज्योतिषविद् के अनुसार पितृपक्ष के दौरान मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. किसी नई वस्तु की खरीदारी व गृह प्रवेश समेत अन्य मांगलिक कार्य धार्मिक अनुष्ठान करना शुभ नहीं होता है।
पितृपक्ष पूर्वजों की पुण्य स्मृति का पर्व होता हैपितृपक्ष संपन्न होने के बाद नवरात्रा पर्व शुरू हो जाएगा बाजार में रौनक लौट आएगी फिर से मांगलिक कार्य किया जा सकेगा।
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