मुजफ्फरपुर : फसलों के अवशेष जलाने वाले किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं के अनुदानों से वंचित किया जाएगा। कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार ऐसे किसानों को चिह्न्ति कर इसकी रिपोर्ट सौंपेंगे। वहीं इससे होने वाली नुकसान को लेकर किसानों के बीच व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह निर्णय फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर जिलाधिकारी के कार्यालय कक्ष में आयोजित जिलास्तरीय अंतर्विभागीय कार्य-समूह की बैठक में लिया गया। अध्यक्षता डीएम आलोक रंजन घोष ने की।

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किसानों को किया जाएगा प्रशिक्षित : फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर आत्मा व कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक किसानों को प्रशिक्षित करेंगे। जिलाधिकारी ने डीएओ को निर्देश दिया कि पंचायत स्तर पर आयोजित किसान चौपाल तथा कृषि विभाग के अन्य कार्यक्रमों में किसानों को जागरूक करें।

जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को किया जाएगा जागरूक

अवशेष जलाने से निकलती जहरीली गैस

बैठक के माध्यम से किसानों से अपील की गई कि फसल अवशेषों को न जलाएं। इससे वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड तथा भलोटाइल ऑर्गेनिक कम्पाउंड की मात्र बढ़ती है। इससे प्रदूषण होता है। जलवायु परिवर्तन का एक कारक हो सकता है। यह खेतीके लिए भी काफी नुकसानदायक है। बैठक में डीपीआरओ कमल सिंह, परियोजना निदेशक आत्मा, सबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

आयोजित की जाएगी प्रतियोगिता

जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए स्कूलों में भी कार्यक्रम आयोजित करें। विद्यार्थियों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला आदि का आयोजन कराएं। इससे जब ये घर जाएंगे तो अपने अभिभावक को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। जीविका दीदियों के माध्यम से भी गांव और टोले स्तर पर लोगों व किसानों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया।

Input : Dainik Jagran

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