नगर निगम की आय बढ़ाने एवं सीमावर्ती लोगों को शहरी सुविधाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए शहर के विस्तार की योजना बनाई गई। इसे सरकार को भेजा गया। सरकार ने प्रक्रिया आगे बढ़ाते हुए आपत्तियों पर प्रतिवेदन मांगा। इसे भी तैयार कर भेजा गया। उसके बाद बात आगे नहीं बढ़ी और ग्रेटर मुजफ्फरपुर की योजना फाइलों में दफन हो गई।

शहरी परिवेश का रूप धारण करने के बाद भी शहर की सीमा से बाहर रहने वाले नगर निगम के सीमावर्ती क्षेत्रों को शामिल कर ‘ग्रेटर मुजफ्फरपुर’ बनाने का निर्णय वर्ष 2006 में लिया गया था। सरकार ने भी इस तरह का प्रस्ताव सभी शहरी निकायों से मांगा था। इसी आलोक में नगर निगम ने 16 मई 2006 को ग्रेटर मुजफ्फरपुर का प्रस्ताव सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा, लेकिन यह दो सालों तक लंबित रहा।

जून 2008 में सरकार को सुध आई और उसने निगम को पत्र लिखकर शहर के विस्तार के प्रस्ताव को निगम बोर्ड से पारित कराकर भेजने का निर्देश दिया। जुलाई 2008 में निगम सशक्त स्थायी समिति एवं निगम बोर्ड ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी। उसके बाद महापौर से अनुमोदन लेकर पारित प्रस्ताव को एक बार फिर सरकार को भेज दिया गया। लंबे इंतजार के बाद अप्रैल 2010 में सरकार ने पुन: निगम को पत्र भेजकर प्रस्ताव का विरोध करने वालों द्वारा दर्ज कराई गई आपत्तियों पर प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया। इसे भेजने के बाद क्या हुआ, बताने वाला कोई नहीं?

कांटी और मुशहरी अंचल के 42 गांवों से 20.945 वर्ग किमी क्षेत्र एवं 97 हजार की आबादी ग्रेटर मुजफ्फरपुर में जोड़ी गई थी।

-शहर से सटे कांटी अंचल के दादर कोल्हुआ, पैगंबरपुर कोल्हुआ, सदातपुर, बैरिया, दामोदरपुर, चकमुरमुर, फतेहपुर, मुरादपुर, चैनपुर। मुशहरी अंचल के सिकंदरपुर, चकगाजी, सहबाजपुर सलेम, मुरादपुर दुल्लाह, अहियापुर, गणेशपुर, शेखपुर, नाजीरपुर, चंदवारा, चकमोहब्बत, बारा जगन्नाथ, राघोपुर, मझौली धर्मदास, शेखपुर उर्फ नारायणपुर अनंत, शेरपुर, रतवारा, गन्नीपुर, मोहम्मदपुर काजी एवं भिखनपुर डीह।

क्षेत्र के विस्तार से निगम और जनता को होगा लाभ

-निगम की आय में होगी वृद्धि।

-राज्य एवं केंद्र सरकार से अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा।

-आबादी एवं क्षेत्र के आधार पर शहर को केंद्रीय योजनाओं में मिलेगी प्राथमिकता।

-नए क्षेत्र के लोगों को मिलेंगी शहर क्षेत्र की तरह बुनियादी सुविधाएं।

-विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए प्रखंड का चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति।

-शहरी योजनाओं का मिलेगा लाभ।

-निगम द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कर के दायरे में आ जाएंगे नए क्षेत्र के मकान।

इस विषय पर अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने कहा कि शहर की सीमा का विस्तार होने से नगर निगम को लाभ होगा। प्रस्ताव के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इस संबंध में संबंधित लोगों से बात करेंगे। वहीं,इस बरे में महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि शहर की सीमा पर बसे क्षेत्र शहर का स्वरूप ले चुके हैं। वे शहरी सुविधा का लाभ भी उठा रहे हैं। उनको अब शहर से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जाना चाहिए। प्रस्ताव को लेकर उन्हें जानकारी नहीं है। इस संबंध में बात करेंगे।

Input : Dainik jagran

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