शहर एक बार फिर प्रदूषण की चपेट में आ गया है। सोमवार को शहर का एक्यूआई 139 रहा। यह आंकड़ा अभी खतरनाक स्तर पर तो नहीं पहुंचा है। लेकिन इस ओर बढ़ने जरूर लगा है। दो माह पहले हवा में सूक्ष्म धूल कण पीएम 2.5 की मात्रा औसत 12 थी। इस बीच शहर की हवा तक़रीबन 12 गुनी अधिक ख़राब हो गई है।
ठंड आने पर इसमें और इजाफा होने की आशंका है। नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार शाम 7 बजे शहर का एक्यूआई औसत 139 जबकि न्यूनतम 63 दर्ज किया गया। दिन में एक समय तो हवा बेहद ख़राब स्तर पर पहुंच गई थी। पीएम 2.5 अधिकतम 428 पर पहुंच गया था। यही वजह है कि सड़कों पर घूमने या खरीदारी करने निकले लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई। आंखों में जलन भी महसूस हुआ।
राज्य में पटना के बाद दूसरे स्थान पर शहर : शहर प्रदूषण के मामले में देश के गिने-चुने शहरों एवं प्रदेश में पटना के बाद दूसरे स्थान पर है। साल में 70 – 72 दिन तो प्रदूषण ख़राब और बेहद ख़राब श्रेणी में रहता है। लेकिन, लॉकडाउन में सड़कों पर लंबे समय तक सन्नाटा पसरा। उद्योग धंधे, निर्माण कार्य आदि कार्य बंद हुए तो हवा स्वच्छ हो गई। एयर क्वालिटी इंडेक्स निचले स्तर पर 40-45 पर पहुंच गया था।
अच्छी बारिश होने से भी एक माह पहले तक प्रदूषण नहीं था
अनलॉक में कई तरह की पाबंदी होने से शहर में वाहनों की रफ़्तार कम थी। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की मानें तो अच्छी बारिश होने का भी असर था। अब जबकि आम जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। जाम में वाहनों के फंसने और नाले से निकली गंदगी धूल बनकर उड़ने लगी है तो प्रदूषण बढ़ने लगा है।
Input: Dainik Bhaskar