Meta एक सुपर कंप्यूटर पर काम कर रहा है. Mark Zuckerberg ने ऐलान किया है कि उनकी कंपनी दुनिया का सबसे तेज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला सुपर कंप्यूटर बना रही है, जो उनके मेटावर्स प्लान का हिस्सा है. Mark Zuckerberg ने अपने ब्लॉगपोस्ट में बताया है कि मेटावर्स एक ऐसा कॉन्सेप्ट है, जो फिजिकल और डिजिटल वर्ल्ड को वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी की मदद से बदल देगा.
कंपनी ने ऐलान किया है कि उन्होंने AI Research SuperCluster (RSC) डेवलप कर लिया है. मेटा का दावा है कि यह दुनिया में मौजूद सबसे तेज AI सुपर कंप्यूटर्स में से एक है. कंपनी की मानें तो पूरा तैयार हो जाने के बाद यह दुनिया का सबसे फास्ट ऑपरेटिंग सुपर कंप्यूटर होगा, जो इस साल के मध्य तक तैयार हो सकता है.
Mark Zuckerberg ने अपने ब्लॉगपोस्ट में बताया, ‘मेटावर्स के लिए हम जो एक्सपीरियंस तैयार कर रहे हैं, उसके लिए भारी कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है और RSC नए AI मॉडल्स एनेबल करेगा जो खरबों उदाहरण से सीख सकते हैं, सैकड़ों भाषाओं को समझ और बहुत कुछ कर सकते हैं.’
मेटा रिसर्चर्स की मानें तो यह अपने तरीके का सबसे तेज कंप्यूटर होगा. कंपनी का कहना है कि इस साल की गर्मी तक इसे तैयार कर लिया जाएगा. डेटा स्टोरेज कंपनी Pure Storage और चिप निर्माता Nvidia भी इस सुपर कंप्यूटर का हिस्सा हैं. मेटा ने आज जारी किए एक ब्लॉग में बताया कि एआई सुपर कंप्यूटिंग की बड़े पैमाने पर जरूरत है.
कंपनी की मानें तो, मेटा के स्केल पर एआई को बड़ी मात्रा में कंप्यूटिंग सॉल्यूशन की जरूरत होती है, जो डेटा की बढ़ती मात्रा को तुरंत एनालाइज करने में सक्षम हों. Pure Storage के CTO Rob Lee के मुताबिक Meta का RSC सुपर कंप्यूटिंग में एक बड़ी सफलता है, जो नई टेक्नोलॉजी और कस्टमर एक्सपीरियंस प्रदान करेगा.
पिछले कुछ सालों में Meta (जो पहले Facebook था) पर प्राइवेसी और डेटा पॉलिसी को लेकर कई आरोप लगे हैं. मेटा रिसर्चर्स का कहना है कि RSC कई हजार प्रोसेसर से बना है, जो प्लेटफॉर्म पर मौजूद हानिकारक कंटेंट का पता लगाने में मदद कर सकता है. मेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी की दिक्कतों को तेजी से निपटाना चाहता है.