हैदराबाद में जरी का काम करने वाले मधुबनी निवासी मोहम्मद आलम आज छपरा में प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही ट्रेन के जरिए वापस लौटे. यहां पहुंचने पर मोहम्मद आलम ने अपने फैक्ट्री मालिक की काफी सराहना की और कहा कि जरी फैक्ट्री के मालिक के बदौलत ही वह लोग 2 महीने तक अपने परिवार के साथ बिना काम काज किए जिंदा रहे क्योंकि मालिक द्वारा भोजन पानी लगातार मिलता रहा.

हालांकि जब सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Trains) का परिचालन शुरू किया तो मालिक ने सलाह दी कि स्थिति सामान्य होने तक घर चले जाएं और जब स्थिति सुधरेगी तो वापस आकर काम करें. न्यूज 18 से बात करते हुए मो. आलम ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर वह फिर उसी फैक्ट्री में काम करने जाएंगे जहां वे फंसे हुए थे, क्योंकि इस मुश्किल घड़ी में मालिक ने जिस कदर मदद की उसे भुलाया नहीं जा सकता.

फैक्ट्री मालिक ने दिखाई दरियादिली

मोहम्मद आलम अपने परिवार के 6 सदस्यों के साथ हैदराबाद में रहते थे और वहां एक जरी की फैक्ट्री में काम करते थे. जब देश में कोरोनाबन्दी हुई तो फैक्ट्री में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया. मोहम्मद आलम के अनुसार उनके फैक्ट्री में सिर्फ 60 लोगों को काम कराया जाता था और यह सभी लोग जब फ़ंस गए तो 2 महीने तक फैक्ट्री मालिक ने ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था की. मालिक ने लौटते वक्त पैसे भी दिए और फिर वापस आने का न्योता भी दिया. छपरा जंक्शन पर उतरे मोहम्मद आलम को बस के जरिए उनके घर मधुबनी भेजा गया.

प्रवासियों के योगदान से चलता है कारोबार
दरअसल, प्रवासी मजदूरों के बदौलत है हैदराबाद समेत तमाम महानगरों में फैक्ट्रियां चलती हैं और ऐसे में इन मजदूरों की मदद में इन फैक्ट्रियों ने काफी दरियादिली दिखाई. इसी का परिणाम यह है कि लौटने के बावजूद मजदूर स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह फिर उन फैक्ट्रियों में जा सके.

Input : News 18

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