नेपाली पुलिस के जवानों द्वारा बेकसूरों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को लेकर सीमा क्षेत्र में तनाव बरकरार है। इस बीच एपीएफ की पिटाई से जख्मी बसतपुर निवासी फेकन पंडित का पुत्र महेश पंडित (19) सदर अस्पताल से छूटकर घर लौट आया। उधर, एसएसबी के साथ पुलिस व प्रशासन सीमा क्षेत्र में लगातार चौकान्ना हैं। पदाधिकारियों ने स्वजनों से कहा कि नेपाल एसपी ने कई बार मोबाइल के जरिए घटना पर दुख जाहिर किया है।

साथ ही घटना में शामिल दो पुलिस पर कार्रवाई करते हुए वहां से ड्यूटी से हटा दिया है। फिलहाल, घटना को लेकर थाने में कोई आवेदन नहीं दिया है। घटना को लेकर पिछले तीन दिनों से सोनबरसा बॉर्डर पर दोनों देशों की आवजाही पर पूरी तरह रोक है। जिसके कारण सड़कों पर सन्नाटा छाया हुआ है। कारोबार पर इसका असर दिख रहा है। हालांकि, दोनों देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। वावजूद कुछ लोग चोरी-छीपे रोजमर्रा के समान खरीदारी करने आते थे। लेकिन, घटना के बाद पूरी तरह बॉर्डर सील है।

जख्मी युवक से बीडीओ-सीओ ने की मुलाकात

सोनबरसा बॉर्डर पर मंगलवार को नेपाल के एपीएफ पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक पिटाई से जख्मी बसतपुर गांव फेकन पंडित के 19 वर्षीय पुत्र महेश पंडित को दो दिनों तक चले इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर लौट गए । गुरुवार की शाम अपने स्वजनों के साथ लौटे महेश पंडित ने बीडीओ ओमप्रकाश एवं सीओ अशोक कुमार से मुलाकात की। जख्मी को स्वस्थ देखकर पदाधिकारियों ने भी खुशी जाहिर की। उन्होंने कुछ दिनों तक उन्हें आराम करने की सलाह दी।

लोगों की पुलिस वालों ने कर दी थी पिटाई

बताते चलें कि मंगलवार को बेवजह एपीएफ की पुलिस ने नो मैंस लैंड के रास्ते से मिट्टी की बर्तन बेचने जा रहे युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। यहीं नहीं शाम में उसी स्थान पर टहलने निकले लोगों की पिटाई कर दी। जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने बताया बार-बार एपीएफ के जवान भारतीय नागरिकों पर जुल्म ढाल रहे। मारपीट करते रहते हैं। ऐसे में दोनों देश का संबंध बिगड़ रहा है। सरकार को नेपाल सरकार से बात करके इस समस्या से निदान कराने की जरूरत है। अन्यथा भविष्य में घटना के दोहराए जाने की आशंका है। दो महीने में दूसरी घटना है। और अबतक कोई कार्रवाई नहीं होने से एपीएफ का हौसला सातवें आसमान पर है।

Input : Dainik Jagran

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