बिहार में जानलेवा बुखार बच्चों को निगल रहा है और आरजेडी अपने फेसबुक पोस्ट में खुद को वोट न देने का रोना रो रही है.

बिहार में इंसेफेलाइटिस का कहर जारी है. 100 से ऊपर बच्चे मौत की गोद में समा चुके हैं. अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं और दवाइयों के न होने से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने रविवार को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पर रिसर्च की जरूरत बताई. सरकारों और जिम्मेदारों से सवाल जारी हैं लेकिन विपक्ष इस मामले में लचर दिखाई दिया है. विपक्ष के लोग मौके पर नहीं पहुंचे. इस बीच राष्ट्रीय जनता दल के फेसबुक पेज से संवेदनहीनता से भरा पोस्ट किया गया है. खुद कुछ करने, सरकार से सवाल करने की बजाय यहां जनता को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

आरजेडी के इस फेसबुक पोस्ट में लिखा है-

आपने तो अस्पताल के लिए वोट दिया नहीं था. आपने तो अपने बच्चों को मौत से बचाने के लिए वोट दिया नहीं था. आपने तो उस राष्ट्रवाद के लिए वोट दिया था जिसमें ना तो अस्पताल था, ना ही राष्ट्र था और ना ही राष्ट्र के लोग थे. आपने तो जिस राष्ट्रवाद को चुना था उसमें घुसकर मारने की बात थी, हिंदू था मुसलमान था, कब्रिस्तान था श्मशान था. अब आपको आपकी लोकप्रिय सरकार वही दे रही है. अगली बार बच्चों की लाशें देखिएगा तो क्रंदन करने की बजाय आंखें मूंद कर अपनी चुनी सरकार की जय बोलिएगा…

सवाल ये है कि लोकतंत्र में जनता को अपने बुद्धि विवेक से सरकार चुनने की आजादी है. अगर वो गलती साबित हो जाए तो भी गलती करने का अधिकार है. क्या विपक्षी पार्टियां अब इस बात के लिए जनता को कोसेंगी कि तुमने हमें वोट नहीं दिया इसलिए हमसे उम्मीद न करो? सरकार में जितना रोल सत्ता पक्ष का होता है, उतना ही प्रति पक्ष का. यबिहार में अलग ही सीन बन रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर जनता को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं.

मरने वाले बच्चों में अधिकांश गरीब घरों से हैं, जिनकी आवाज़ दुनिया के शोर में सही जगह नहीं पहुंच सकता. जनता की उम्मीद होती है कि मीडिया और विपक्ष के नेता समर्थ लोगों तक उनकी बात पहुंचाएंगे. टीवी9 भारतवर्ष ने इस त्रासदी पर जिम्मेदारों से सवाल करने को मुहिम बनाया. विपक्ष का फर्ज़ ऐसे में जनता के आंसू पोंछना है या जख्मों पर नमक छिड़कना, ये न तेजस्वी यादव तय कर पा रहे हैं न उनकी पार्टी. हार का ऐसा क्या गुस्सा कि समझ में न आए किस मौके पर क्या बोलना है.

Input : TV9 Bharatvarsh

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