क्या भारत में सच में बच्चों को एक्सपायरी डेट वाली कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है? दरअसल ये दावा करते हुए कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। हालांकि इसको लेकर अब भारत सरकार ने जवाब दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत में एक्सपायर्ड टीके लगाने का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्ट झूठी और भ्रामक है।
बढ़ाई जा चुकी है वैक्सीन की शेल्फ लाइफ
बयान में कहा गया है, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया गया है कि भारत में राष्ट्रीय COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत एक्सपायर्ड टीके लगाए जा रहे हैं। यह गलत और भ्रामक है और अधूरी जानकारी पर आधारित है।” इसमें कहा गया है कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने पहले 22 फरवरी 2021 को कोवैक्सीन की शेल्फ लाइफ को 9 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और कोविशील्ड की शेल्फ लाइफ को 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने करने की मंजूरी दी थी। केंद्रीय मीडिया विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है, “टीका निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत स्थिरता अध्ययन डेटा के व्यापक विश्लेषण और परीक्षण के आधार पर राष्ट्रीय नियामक द्वारा टीकों की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जाती है।”
महिला ने की थी शिकायत
ट्विटर पर नवनीता नामक एक महिला ने इसको लेकर शिकायत की थी। उन्होंने लिखा, “मेरा बेटा टीका लेने गया लेकिन मैंने महसूस किया कि इस टीके की एक्सपायरी डेट नवंबर में ही समाप्त हो चुकी है। लेकिन फिर एक लेटर दिखाया गया जिसमें बताया गया कि टीके की शेल्फ लाइफ बढ़ा दी गई है! कैसे, क्यों, किस आधार पर? स्टॉक क्लियर करने के लिए बच्चों पर एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है क्या?” इस ट्वीट के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग सवाल पूछने लगे। हालांकि अब इसको लेकर भारत सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण आया है।
So my son went to get his first vaccine, the drive for kids begin today and realized that the vaccine had already expired in November. Then a letter was shown wherein it seems the shelf life has been extended!!How, why, on what basis?
To clear stock you experiment on kids? pic.twitter.com/259ZHDBMSN
— Navanita Varadpande (@VpNavanita) January 3, 2022
री-लेबल किया जा रहा स्टॉक
बता दें कि इससे पहले प्रमुख वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने ट्वीट कर कहा था कि डीजीसीआई ने वैक्सीन स्टॉक को री-लेबल करने की अनुमति दी हुई है। पहले भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की एक्सपायरी अवधि 9 महीने थी, जिसे अब बढ़ाकर 12 महीने किया गया। इसके बाद इसके स्टॉक को री-लेबल किया जा रहा है। यानी वैक्सीन पर से पहले की एक्सपायरी डेट हटाकर नई एक्सपायरी डेट डाली जा रही है। ज्ञात हो कि देशभर में 15 से 18 साल तक के बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। इन बच्चों को लगाई जा रही एकमात्र वैक्सीन कोवैक्सीन है।