वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2020-21 में शिक्षा पर 99,300 करोड़ रुपए खर्च का ऐलान किया। साथ ही स्किल डेवल्पमेंट पर 3000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री के मुताबिक भारत के पास दुनिया में सबसे युवा वर्कफोर्स मौजूद है। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था में सुधार का ऐलान किया और जल्द ही नई शिक्षा नीति लागू करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर राज्यों से सुझाव मांगे गए थे। इसे लेकर राज्यों से 2 लाख सुझाव आएं, जिन पर काम किया जा रहा है।

सरस्वती शिशु यूनिवर्सिटी खोली जाएगी

वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि देश में सरस्वती शिशु यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए डीम्ड यूनिवर्सिटी शुरू की जाएगी। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए पैसों की जरूरत की ओर भी इशारा किया। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में निजीकरण पर जोर दिया। ऐसे में हायर एजुकेशन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को इजाजत दी जा सकती है। वहीं स्किल डेवल्पमेंट पाने वाले छात्रों को शहरी लोकल बॉडी में एक साल की इंटर्नशिप की सुविधा दी जाएगी, जिससे युवाओं को समाज से जुड़े काम को समझने का मौका मिलेगा।

शुरू होंगे ऑनलाइन डिग्री कोर्स

ग्रामीण और दूर-दराज के छात्रों के ऑनलाइन माध्यम से डिग्री लेवल कोर्स कराया जाएगा। केंद्र सरकार हायर एजुकेशन का बड़ा केंद्र बनाने बनाएगी। इसके लिए सरकार स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम शुरु करेगी। जिसके तहत एशिया और अफ्रीका में भारतीय कालेज में शिक्षा ग्रहण करने के लिए एग्जाम कराया जाएगा। वहीं नेशनल पुलिस अकेडमी, नेशल फोरेंसिक अकेडमी शुरू की जाएगी। डॉक्टर की कमी के लिए पीपीपी मॉडल के तहत मेडिकल कालेज बनाया जाएगा। जिला अस्पताल में मेडिकल इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। बड़े मेडिकल कालेज में पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे।

 

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