यूपी की योगी सरकार महिला अपराध को लेकर और सख्त हो गई है। प्रदेश में महिलाओं के साथ अपराध करने वालों की शामत होगी। सरकार दुराचारियों और अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन दुराचारी चलाएगी।ऐसे अपराधियों के पोस्टर लगाने का आदेश दिया है। योगी ने कहा कि कहीं भी महिलाओं के साथ कोई आपराधिक घटना हुई तो संबंधित बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और सीओ जिम्मेदार होंगे।

सीएम योगी ने कहा कि महिलाओं से किसी भी तरह का अपराध करने वाले अपराधियों को महिला पुलिस कर्मियों से ही दंडित कराओ। ऐसे अपराधियों और दुराचारियों के मददगारों के भी नाम उजागर करने का आदेश दिया।

सीएम योगी ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों के साथ किसी भी तरह की घटना को अंजाम देने वालों को समाज जाने, इसलिए चौराहों चौराहों पर लगाओ ऐसे अपराधियों के पोस्टर लगवाएं।

Police detain 52 persons across Gurugram as part of Operation Romeo -  gurgaon - Hindustan Times

हिंसा करने पर लगे थे पोस्टर

इससे पहले योगी सरकार ने सीएए को लेकर 19 दिसंबर को लखनऊ में हुए प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की फोटो, उनके नाम-पते के साथ पोस्टर उनके इलाकों में लगवाया था। नोटिस दी गई थी कि अगर तय वक्त पर इन लोगों ने जुर्माना नहीं चुकाया तो कुर्की की जाएगी।

राज्य सरकार ने भरपाई उपद्रवियों से करवाए जाने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने फोटो-वीडियो के आधार पर 150 से अधिक लोगों को नोटिस भेजे थे। इनमें जांच के बाद मिले सबूतों के आधार पर प्रशासन ने 57 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया था।

कोर्ट पहुंचा था मामला

पोस्टर लगने के बाद मामला हाईकोट पहुंचा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की विशेष पीठ ने लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर को सीएए के विरोध में उपद्रव करने वालों के लगाए गए पोस्टर अविलंब हटाने के आदेश दिए थे।

विशेष खंडपीठ ने 14 पेज के फैसले में राज्य सरकार की कार्रवाई को संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत निजता के अधिकार (मौलिक अधिकार) के विपरीत करार दिया था। अदालत ने कहा था कि मौलिक अधिकारों को छीना नहीं जा सकता है। ऐसा कोई भी कानून नहीं है जो उन आरोपियों की निजी सूचनाओं को पोस्टर-बैनर लगाकर सार्वजनिक करने की अनुमति देता है, जिनसे क्षतिपूर्ति ली जानी है।

इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई।

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