मुजफ्फरपुर के स्वास्थ्य विभाग में संविदाकर्मियों की बहाली में धांधली की परत दर परत डीडीसी की रिपोर्ट से खुल रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच के दौरान नौकरी के लिए रुपये मांगने का आरोपित कर्मी मनोज कुमार ने बड़ा रहस्योद्घाटन किया है। मनोज कुमार ने बताया है कि सदर अस्पताल के एक लिपिक ने पैसे लेकर अपनी ही जाति के सौ से अधिक एएनएम की बहाली करायी।
डीएम के आदेश पर गठित चार अधिकारियों की जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में हैरान करने वाले कई तथ्यों का खुलासा किया है। जिस लिपिक पर पैसे लेकर अपनी ही जाति के सौ से अधिक लोगों की बहाली का आरोप है, वह एंटीजन किट आपूर्ति घोटाला का भी एक किरदार बताया जाता है। हालांकि बहाली की जांच के लिए गठित टीम ने एंटीजन किट घोटाले की चर्चा नहीं की है।

रिपोर्ट में दूसरी चौँकाने वाली बात यह है कि कई ऐसे अभ्यर्थियों की भी बहाली की गई है, जो आवेदन देने या स्क्रीनिंग के लिए उपस्थित तक नहीं हुए। केवल व्हाट्सएप से अपने सर्टिफिकेट की कॉपी भेज दी, उनकी बहाली आराम से कर ली गई। जांच टीम ने कई ऐसे अभ्यर्थियों की बहाली भी पकड़ी है, जिन्होंने कभी आवेदन किया ही नहीं। सिविल सर्जन कार्यालय से सीधे उनको नियुक्ति पत्र ही जारी कर दिया गया।

780 पदों पर बहाली, 204 आवेदन ही प्रस्तुत कर पाये

सिविल सर्जन ने जांच के दौरान कुल 780 पदों पर बहाली स्वीकारी लेकिन जब उनसे अभ्यर्थियों के आवेदन मांगे गए तो वे मात्र 204 आवेदन ही प्रस्तुत कर पाये। इनमें से 166 आवेदन ऐसे थे, जिनकी बहाली कर ली गई थी व 138 आवेदन ऐसे थे, जिनकी बहाली नहीं हो पायी थी। शेष आवेदन के संबंध में सिविल सर्जन ने जांच टीम को कोई जवाब नहीं दिया व मौखिक तौर पर ही बताया कि कुल दो हजार आवेदन आये थे।

डीएम को जानकारी नहीं, उनके प्रतिनिधि को कर दिया नामित

जांच टीम ने एक और बड़ा खुलासा किया है। प्रावधान के अनुसार बहाली करने वाली टीम में सिविल सर्जन के अलावा उपाधीक्षक, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के साथ ही जिलापदाधिकारी द्वारा नामित एक अधिकारी को शामिल करना था। इसमें भी चकमा दिया गया । जांच टीम के अनुसार जिला पदाधिकारी को जानकारी दिए बिना ही उनके द्वारा पूर्व के किसी दूसरे नियोजन के लिए नामित अधिकारी को इस बहाली के लिए गठित टीम में भी नामित कर दिया। इस टीम में सिविल सर्जन ने जिला पदाघिकारी के नामित अधिकारी के रूप में सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक को शामिल कर लिया।

हमने स्वास्थ्य विभाग में बहाली के संबंध में विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंप दी है। आनियामित्ताओं को रेखांकित करते हुए आरोपित लिपिक सहित कई कर्मियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

डॉ एसके झा, डीडीसी

Input: live hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *